मध्य प्रदेश की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को एमपी हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने झटका देते हुए कंपनी द्वारा की जा रही असिस्टेंट इंजीनियर की सीधी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि विद्युत वितरण कंपनी चयन प्रक्रिया जारी रख सकती है परंतु अंतिम चयन परिणाम जारी नहीं किए जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वार 21 फरवरी 2023 से भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। जिसमे निर्धारित किया गया था कि रिक्त पदों पर केवल संविदा असिस्टेंट इंजीनियरों की ही नियुक्ति दी जाएगी। जिसे एक प्रकार से संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया माना जा रहा था।
लेकिन इसके बावजूद पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 10 मार्च 2023 को असिस्टेंट इंजीनियर के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। इसमें उम्मीदवारों से न्यूनतम अर्हता बीटेक और गेट क्वालिफिकेशन मांगी गई। इसी प्रक्रिया के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर आपत्ति दर्ज कराई गई कि कंपनी में कार्यरत अनुभवी जूनियर इंजीनियर को पदोन्नत करके असिस्टेंट इंजीनियर यंत्री बनाया जाना चाहिए, परंतु सीधी भर्ती की जा रही है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ को बताया गया कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ द्वारा इस प्रकार की सीधी भर्ती पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है। इसके आधार पर इंदौर खंडपीठ ने सहायक यंत्री की भर्ती पर रोक लगा दी और मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रमुख अधिकारी के नाम नोटिस जारी करके 4 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।