एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मानव संसाधन व प्रशासन कार्यालय के तत्वावधान में शक्तिभवन के केन्द्रीय ग्रंथालय में भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआईसी) द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सहायक निदेशक योगेन्द्र सिंह सिमोनिया ने कहा कि कर्मचारी राज्य बीमा योजना एक बहुआयामी सामाजिक सुरक्षा प्रणाली है, जो इस योजना के तहत शामिल श्रमिक आबादी और उनके आश्रितों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।
राज्य बीमा निगम में पंजीकृत कर्मी और आश्रितों के लिए पूर्ण चिकित्सा देखभाल के अलावा बीमित व्यक्ति बीमारी, अस्थायी या स्थायी अक्षमता आदि के कारण शारीरिक संकट के समय में विभिन्न प्रकार के नगद लाभों के भी हकदार हैं। बीमाकृत व्यक्तियों के आश्रित जो औद्योगिक दुर्घटनाओं में या रोजगार की चोट या व्यावसायिक खतरे के कारण मृत हो जाते हैं, उनके परिजन आश्रित लाभ नामक मासिक पेंशन के हकदार हैं। कार्यशाला में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक अखिलेश अग्रवाल सहित आउटसोर्स कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यशाला में कर्मचारी राज्य बीमा निगम से मिलने वाले हित लाभ और योजनाओं के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई।
पावर मैनेजमेंट कंपनी के मानव संसाधन व प्रशासन कार्यालय के अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक अखिलेश अग्रवाल ने कार्यशाला में प्रारंभिक उद्बोधन में कहा कि शासन द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों के चिकित्सा लाभ व बीमा हित के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम में कई प्रकार के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पावर मैनेजमेंट कंपनी के लगभग सवा दो सौ आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए यह कार्यशाला अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सहायक निदेशक योगेन्द्र सिंह सिमोनिया ने आउटसोर्स कर्मचारियों को कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के अंतर्गत चिकित्सा हितलाभ, बीमारी हितलाभ, मातृत्व हितलाभ, अपंगता हितलाभ, पुनर्वास हितलाभ, आश्रित हितलाभ, अंत्येष्टि हेतु सहायता के संबंध में विस्तार से जानकारी दे कर योजना व लाभों के बारे में बताया गया। कार्यशाला में शामिल विभिन्न आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रश्न व शंका का समाधान कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सहायक निदेशक योगेन्द्र सिंह सिमोनिया द्वारा किया गया।