मध्यप्रदेश के प्रमुख ऊर्जा सचिव संजय दुबे ने आज गुरुवार को विद्युत कंपनियों के मुख्यालय शक्तिभवन में आगामी अप्रैल-मई माह में प्रदेश की विद्युत मांग व आपूर्ति की समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश सहित पूरे देश में अप्रैल व मई माह की गर्मी में बिजली की अप्रत्याशित मांग बढ़ने की संभावना है। आज की समीक्षा बैठक में मध्यप्रदेश में इन माहों में बिजली की मांग व उपलब्धता पर गहन विचार विमर्श किया गया।
बैठक में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक रघुराज राजेन्द्रन, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी, मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह, मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध संचालक सुनील तिवारी, प्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी श्री नीरज अग्रवाल सहित विद्युत कंपनियों के वरिष्ठ अभियंता उपस्थित थे। बैठक में एनएचडीसी के वरिष्ठ अभियंता भी उपस्थित थे। बैठक के प्रारंभ में प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव, पूर्व अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मण्डल व पूर्व अध्यक्ष मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग राकेश साहनी को श्रद्धांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन धारण किया गया।
बैठक में प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बैठक में कहा कि अप्रैल व मई माह में मध्यप्रदेश में विद्युत की मांग 13800 मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश शासन की मंशानुसार घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिजली देने के लिए अप्रैल व मई माह में विद्युत कंपनियों की पूरी तैयारी है। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने ताप, जल विद्युत उत्पादन के साथ गैर पारम्परिक विद्युत उत्पादन की स्थिति की समीक्षा की। संजय दुबे ने कहा कि अप्रैल व मई माह में ताप विद्युत के साथ जल एवं गैर पारम्परिक विद्युत उत्पादन का समुचित उपयोग किया जाए। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत इकाईयों से इस दौरान भरपूर विद्युत उत्पादन करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही ताप विद्युत इकाईयों में कोयले की उपलब्धता को सुनिश्चित करने को कहा गया।
समीक्षा बैठक में प्रदेश में ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन प्रणाली को तकनीकी रूप से दुरुस्त रखने के निर्देश भी दिए गए। दिए गए निर्देशों में विद्युत कंपनियों से कहा गया कि प्रदेश के किसी भी हिस्से में वोल्टेज की समस्या न रहे और सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली प्रदाय सुनिश्चित किया जाए। बैठक में ग्रिड अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश भी दिए गए। डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को निर्देश दिया गया कि खराब ट्रांसफार्मर त्वरित रूप से बदले जाएं और इसके लिए अतिरिक्त ट्रांसफार्मर का प्रबंधन मैदानी इलाके में किया जाए। प्रमुख सचिव ने कहा कि उपभोक्ताओं की संतुष्टि विद्युत क्षेत्र के लिए सर्वोपरि है और उनकी किसी भी प्रकार की समस्या का संवेदनशीलता के साथ त्वरित समाधान किया जाए।