मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यापक प्रकोष्ठ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश में पिछले 19 वर्षों से राज्य कर्मचारियों व अधिकारियों की समूह बीमा योजना अंतर्गत वेतन से जो राशि काटी जा रही है वो काफी कम है।
वर्तमान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का 100 रुपये, तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का 200 रुपये, द्वितीय श्रेणी अधिकारी का 400 रुपये एवं प्रथम श्रेणी अधिकारियों का 600 रुपये वेतन से बीमा राशि काटी जा रही है। जबकि पिछले 19 वर्षों में कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन लभगभ चार गुना हो गया है, किन्तु बीमा राशि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
राज्य कर्मचारियों व अधिकारियों को 2016 से सातवां वेतनमान दिया जा रहा है, किन्तु समूह बीमा राशि पूर्ववतः वेतनमान से काटी जा रही है। ऐसी स्थिति में यदि सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रित परिवार को मात्र 2.5 लाख बीमा राशि ही मिल पाती है, जो मंहगाई को देखते हुए बहुत कम है।
संघ के मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, तरूण पंचौली, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, श्यामनारायण तिवारी, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, प्रणव साहू, सुदेश पाण्डे, मनीष लोहिया, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, अभिषेक मिश्रा, देवदत्त शुक्ला, सोनल दुबे, आन्नद रैकवार, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार आदि ने मुख्य सचिव से मांग की है कि अध्यापक सवंर्ग के लोक सेवकों सहित सभी तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की समूह बीमा योजना अंतर्गत काटी जानी वाली राशि सातवें वेतनमान के अनुरूप 500 रुपये प्रतिमाह की जाए।