मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इम्प्लाइज एवं इंजीनियर्स के आह्वान पर विगत 1 माह से बिजली कर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन जारी है। वहीं यूनाइटेड फोरम की आज प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ बैठक आयोजित होनी है। इससे पहले ऊर्जा मंत्री ने सतना में आयोजित की गई बैठक में यूनाइटेड फोरम के पदाधिकारियों को मांगों पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था और आज 23 अगस्त को एक और बैठक भोपाल में आयोजित करने की बात कही थी।
हालांकि यूनाइटेड फोरम के पदाधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री से स्पष्ट कर दिया था कि जब तक सभी मांगों पर लिखित आदेश प्राप्त नहीं होगा, तब तक उनका आंदोलन निरस्त नहीं होगा। इसी तारतम्य में यूनाइटेड फोरम ने बैठक करने के बावजूद प्रदेश सरकार से किसी भी प्रकार का लिखित आश्वासन न मिलने के कारण 24 से 26 तक तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
यूनाइटेड फोरम द्वारा प्रदेश के सभी 52 जिलों में बिजली कर्मियों की प्रमुख समस्याओं एवं मांगों को लेकर जिला कलेक्टरों को 24, 25 एवं 26 अगस्त को तीन दिवसीय पूर्ण बिजली कार्य बहिष्कार के संदर्भ में सूचना पत्र दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि यूनाइटेड फोरम द्वारा मध्यप्रदेश स्तर के मुद्दों पर सरकार से लगातार पत्राचार करने के उपरांत भी ध्यान न देने के कारण चरणबद्ध आंदोलनात्मक गतिविधियां शुरू करने का नोटिस दिया था। इसके प्रथम चरण में 1 से 5 अगस्त तक काली पट्टी धारण कर वितरण केन्द्र स्तर तक जन जागरण करने एवं 10 अगस्त को आपातकालीन सेवा छोड़कर सभी प्रकार के विद्युत कार्यों का बहिष्कार करने एवं मोबाइल बंद रखने का निर्णय लेकर गतिविधियों को पूर्ण किया गया है।
यूनाइटेड फोरम का कहना है कि इसके बावजूद शासन एवं प्रशासन द्वारा फोरम की मांगों पर बैठक करने के बावजूद किसी भी प्रकार का लिखित आश्वासन न देने के कारण 24 से 26 अगस्त तक तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार किया जायेगा एवं यदि विद्युत सेवायें बाधित होती है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।