मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की पूरे प्रदेश के साथ-साथ जंबलपुर में 10 सीएम राईज विद्यालय खुले हुए लगभग 8 माह व्यतीत हो चुके हैं। सीएम राईज विद्यालयों के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री की परिकल्पना थी कि उनके गरीब भांजा, भांजी भी पब्लिक स्कूलों के बच्चों की तरह एसी बसों में स्कूल जायेंगे।
वहीं शिक्षा विभाग के निकम्मे व तानाशाह अधिकारियों के कारण स्कूल खुले हुए 8 माह व्यतीत हो जाने के बाद भी स्कूल बस बच्चों का सपना बन कर रह गई है। छात्रों ने सीएम राईज विद्यालयों यह सोच कर एडमिशन लिया था कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ आवागमन हेतु निःशुल्क बस सुविधा प्राप्त होगी, किन्तु इन सीएम राईज विद्यालयों में न तो गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल रही है और न ही अन्य सुविधायें। जिले के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी का ध्यान शैक्षणिक गुणवत्ता के सुधार में न होकर गैर शैक्षणिक कार्य में लगा हुआ है, जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था चौपट हो रही है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, चंदु जाउलकर, डीडी गुप्ता, एसके बांदिल, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, नीरज मिश्रा, वीरेन्द्र चन्देल, एसपी वाथरे आदि ने प्रदेश मुख्यमंत्री को ईमेल भेजकर मांग की है कि सीएम राईज विद्यालयों में बस की व्यवस्था न करने वाले प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के विरूद्ध निलंबन की कार्यवाही की जावे।