मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के योगेन्द्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि पेंशन कार्यालयों में रिटायर और मृत कर्मी की सेवा पुस्तकों में पूर्व में किये गये वेतनमान, समयमान, क्रमोन्नत वेतन निर्धारण की जांच के नाम पर भारी परेशान किया जा रहा है। स्पष्ट सुधार करने करने की आपत्ति नहीं लगाई जा रही बल्कि हरे पेन से नियमों के अनुसार सुधार करें लिख कर आपत्ति लगाते है, जिससे कर्मचारी जानकारी लेने कोषालय के चक्कर लगाएं।
मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे ने बताया है कि 25, 20, 10 या 5 वर्ष पहले सरकारी आदेश के अनुसार पहले से सातवें वेतनमान या क्रमोन्नति, समयमान का निर्धारण विभागों द्वारा सेवा पुस्तिकाओं में किया गया है। लेकिन रिटायर या कर्मचारी के निधन होने के पश्चात सेवा पुस्तकों में आपत्ति लगाकर प्रकरण कार्यालयों में वापिस किये जा रहे है।
वहींं कुछ अंकित राशियों को ओव्हर राइटिंग, धुंधली प्रविष्टि, आदेश चस्पा ना होना, पूर्व की रिकवरी की टेबिल चस्पा ना होना, नियुक्ति आदेश अधूरा होना एवं कार्यालय के अधिकारी की सील साफ दिखाई ना देने की आपत्ति लगाकर केस लटकाये जा रहे है।
कार्यालय, चाय की दुकान में घूमते दलालों से मिलने के पश्चात ही केसों का निराकरण होता है। दलालों से मिलकर अफसर कर्मचारियों और उनकी विधवा पत्नी, अनाथ बच्चों के खून को चूस रहे है। आपत्ति के नाम पर लाखों रुपये की वसूली का फर्जी रिकवरी चार्ट बनाकर दिखाया जाता है, फिर घूसखोरी के नाम पर वसूली की जाती है।
कार्यालयों के अफसरों को इसकी पूरी जानकारी है, अनेक बार कर्मचारी संगठनों द्वारा अवैध आपत्ति के नाम पर की जाने वाली अवैध वसूली की जानकारी देकर रोक लगाने की माँग की है, कुछ समय अनैतिक कार्यों में रोक लगने के पश्चात फिर अवैध कार्य प्रारंभ हो जाते है। संभाग और जिले के पेंशनर कार्यालय में तत्काल इस अवैध कार्यों पर रोक लगाने कार्यवाही होना चाहिए।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, नरेश शुक्ला, प्रशांत सोंधिया, संतोष मिश्रा, विश्वदीप पटेरिया, संजय गुजराल, मुकेश चतुर्वेदी, देव दोनेरिया, योगेश चौधरी, अजय दुबे, रवि दहायत, एसके वांदिल, योगेन्द्र मिश्रा, नरेंद्र सेन, धीरेंद्र सिंह, केजी पाठक, नरेंद्र दुबे, रवि बांगड़, अर्जुन सोमवंसी, संदीप नेमा, राकेश उपाध्याय ने तत्काल पेंशन कार्यालयों में लंबित सेवा पुस्तिकाओं का निराकरण कर अवैध कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। मोर्चा द्वारा चेतावनी दी गई है कि अवैध कार्यो में तत्काल रोक नहीं लगाई गई तो कार्यालय प्रमुख का पुतला कार्यालय के सामने जलाया जावेगा।