वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ के प्रवक्ता व संयुक्त महामंत्री सतीश कुमार ने बताया कि एनएफआईआर के कार्यकारी अध्यक्ष एवं डब्ल्यूसीआरएमएस के अध्यक्ष डॉ आरपी भटनागर एवं मज़दूर संघ के महासचिव अशोक शर्मा केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ये घोर कर्मचारी विरोधी बजट करार दिया है।
उन्होंने कहा कि भारत के केन्द्रीय एवं राज्य कर्मचारियों ने स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे अधिक कर्मचारी विरोधी बजट का सामना किया। उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर कर्मचारीगण आयकर में छूट की आस लगाए बैठे थे, वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्री द्वारा पीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स लगाकर रेलकर्मियो का बड़ा नुकसान किया है।
इसके अतिरिक्त नेशनल रेल पॉलिसी की घोषणा रेल को प्राईवेट सेक्टर एवं उद्योगपतियो को बेचने का रास्ता साफ किया गया है। भारत सरकार द्वारा रेल उद्योग को 1.10 लाख करोड़ का छोटा सा आवंटन ऊँट के मुँह में जीरा के समान हैं। कुल मिलाकर केंद्रीय बजट घोर कर्मचारी विरोधी तथा विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी नौकरियों को कम करने वाला बजट है।