मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों के अनुकंपा आश्रितों ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए सहायता की गुहार लगायी है। अनुकंपा आश्रित संघर्ष दल के संयोजक असगर खान के नेतृत्व में अनुकंपा आश्रितों ने पूर्व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा और अनुकंपा आश्रितों के प्रकरण में सहायता की मांग की। इस दौरान असगर खान, विनोद केवट, राकेश यादव, हेमराज यादव, संजय कुशवाहा, ललित चौहान, अमित हरोडे आदि उपस्थित रहे।
अनुकंपा आश्रितों को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आश्वस्त किया है कि वे उनके प्रकरण के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखेंगे, साथ ही उनसे बात भी करेंगे। कमलनाथ ने बताया कि उनकी सरकार ने विद्युत कंपनियों के अनुकंपा आश्रितों को नियुक्ति दिए जाने को लेकर 80 प्रतिशत तक कार्यवाही पूरी कर ली थी। अगर भविष्य में उनकी सरकार बनी तो उनका कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा।
अनुकंपा आश्रित संघर्ष दल के संयोजक असगर खान ने बताया कि मध्य प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों में हज़ारों की संख्या में ऐसे कर्मी थे, जिनकी मृत्यु किसी बीमारी या प्राकृतिक रूप से हुई थी।
विद्युत कंपनियों ने 1998 से 2012 तक अनुकंपा नियुक्ति पर रोक लगा रखी थी। इसके बाद जब विद्युत कंपनियों ने नई अनुकंपा नीति जारी की तो मौतों का बंटवारा करते हुए सिर्फ कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत हुए विद्युत कर्मियों के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने का प्रावधान किया। जिससे हज़ारों आश्रित अनुकंपा नियुक्ति से वंचित हो गये।
असगर खान ने बताया कि कमलनाथ सरकार के समय विद्युत कंपनियों के अनुकंपा आश्रितों को नियुक्ति दिए जाने को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर प्रक्रिया 80 प्रतिशत तक पूरी कर ली गई थी, लेकिन इस दौरान प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और विद्युत कंपनियों के अनुकंपा आश्रितों की उम्मीदों पर पानी फिर गया और हज़ारों अनुकंपा आश्रित आज भी नियुक्ति की आस लगाए बैठे हैं।