मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने आंदोलन कर रहे बिजली कर्मियों का समर्थन करते हुए सीएम चौहान को पत्र लिखकर उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का अनुरोध किया है।
पत्र में कमलनाथ ने लिखा कि प्रदेश की समस्त विद्युत कंपनियों कार्यरत कर्मचारियों के संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत ज्ञापन पत्र संलग्न है जिसमें सभी श्रेणी में कार्यरत विद्युतकर्मियों की समस्याओं के निराकरण की मांग की गयी है। विद्युत कर्मचारी संगठनों द्वारा आउटसोर्स कर्मियों के संविलियन, वेतन वृद्धि, 20 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कराये जाने, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण कार्यरत कर्मियों के लंबित हितलाभों के भुगतान, कार्यरत कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लिये केशलेस मेडिक्लेम पॉलिसी, महंगाई भत्ता सहित अन्य मांगों का उल्लेख ज्ञापन पत्र में किया गया है।
कर्मचारियों के प्रतिनिधि मंडल द्वारा इन मांगों को लेकर पूर्व में भी आंदोलन किया गया था जिसे सरकार के आश्वासन के उपरान्त स्थगित किया गया था। परन्तु सरकार की ओर से समाधानकारक निर्णय नहीं होने के कारण कर्मचारी 21 जनवरी 2023 से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर पुनः आंदोलन की राह पर प्रवृत्त हो रहे हैं। बिजली कर्मियों की सेवायें अत्यावश्यक सेवाओं के अंतर्गत है तथा प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में इनका महती योगदान है। विद्युत कर्मियों द्वारा सेवा शर्तों एवं लाभों के संबंध में मांगें की जा रही है, जिन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए।
यह भी उल्लेखनीय है कि विद्युत कर्मियों के कार्य बहिष्कार एवं आंदोलन करने से प्रदेश की जनता को सुचारू विद्युत व्यवस्था में कठिनाई उत्पन्न होना संभाव्य है। अतएव परिस्थितियों पर समग्रतापूर्वक विचार करते हुए विद्युत कर्मियों के विभिन्न संगठनों के संयुक्त मोर्चे की मांगों के संबंध में शीघ्र निर्णय लिया जाना आवश्यक है। अतः आपसे अनुरोध है कि विद्युत कर्मियों के संयुक्त मोर्चे द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन के बिन्दुओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने एवं सकारात्मक निर्णय लिये जाने का कष्ट करेंगे ताकि विद्युत कर्मियों की समस्याओं का निराकरण हो सके और प्रदेश के जनमानस को किसी भी प्रकार की असुविधा से सुरक्षित रखा जा सके।