मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा राज्य कर्मचारियों को 1 जुलाई 2023 से 4 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिये जाने की घोषणा की गई है। घोषणा अनुसार राज्य कर्मचारियों को 1जुलाई 2023 से मंहगाई भत्ता 38% से बढकर 42% हो जावेगा।
वहीं राज्य के पेंशनर एवं पारिवारिक पेंशनरों को आज भी 33 प्रतिशत ही मंहगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है जो राज्य कर्मचारियों से 9 प्रतिशत कम है। जबकि मंहगाई की मार दोनों स्तर के लोगों पर समान रूप से असर डालती है फिर भी शासन द्वारा पेंशनर की उपेक्षा किया जाना समझ से परे है? क्या राज्य शासन राज्य पेंशनरों को चुनावी वर्ष में अपना वोटर नहीं मान रही ऐसा प्रतीत होता है, विगत कई वर्षो से पेंशनर एवं कर्मचारियों के बीच असमानता लगातार देखी जा रही है। जिससे प्रदेश के लाखों पेंशनरों एवं पारिवारिक पेंशनरों में भारी निराशा एवं आक्रोश व्याप्त है।
संघ के आरके अग्रवाल, योगेन्द्र दुबे, प्रहलाद उपाध्याय, जवाहर केवट, दिनेश मिश्रा, एनपी निगम, एसके बांदिल, जी. पी. राय, आर. के. सोनी, नन्दू चंसोरिया, एनके श्रीवास्तव, केएल श्रीवास्तव, सलीम खान, अशोक दुबे, सुरेश पटैल, मंसूर अंसारी बीएसपी गौर, एके अवस्थी, केजी मिश्रा द्वय, विनोद देवपुरिया, राकेश सेंगर, ओपी तिवारी, बालकृष्ण पाण्डे, कृपाल झारिया आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य कर्मचारियों के समान पेंशनरों को भी महंगाई भत्ता केन्द्र के द्वारा घोषित तिथियों के अनुसार एरियर्स सहित दिया जावे, अन्यथा राज्य पेंशनर धरना, प्रदर्शन आन्दोलन हेतु बाध्य होंगें।