ऊर्जा हमारे जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है। ऊर्जा ने विभिन्न रूपों में हमारी जीवनशैली में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। इन विभिन्न रूपों में बिजली ऊर्जा का वह प्रकार है जो सबको सुगमता से हर कहीं उपलब्ध और सुलभ है। यही कारण है कि ऊर्जा के विभिन्न स्त्रोतों को भी बिजली के रूप में बदलकर उसका उपयोग प्रकाश, यातायात, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग, कृषि जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के साथ मनोरंजन, दूरसंचार एवं पर्यटन जैसे सुख-साधन में भी किया जा रहा है। यह संदेश मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक श्री अनय द्विवेदी ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण सप्ताह (14 दिसम्बर से 20 दिसम्बर) के अंतर्गत उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए जारी किया है।
प्रबंध संचालक ने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में हमारी जीवनशैली में तेजी से बदलाव हो रहा है। उदाहरण के रूप में जो काम हम दिन के उजाले में सरलता से कर सकते हैं उन्हें भी हम देर रात तक बिजली की व्यवस्था करके करते हैं। और तो और हम अपने कार्यालयों में बड़े-बड़े पर्दे लगाकर प्राकृतिक प्रकाश में काम करने के बजाए बिजली का उपयोग प्रकाश के लिए कर रहे हैं। हमारी दिनचर्या इस प्रकार बदलती जा रही है कि ऊर्जा की मांग भी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी ने बताया है कि ऊर्जा बचत और ऊर्जा दक्षता के लाभों को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन ने मध्यप्रदेश में ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न उपाय लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भारत शासन के ऊर्जा मंत्रालय के अधीन स्वायत्तशासी निकाय ‘‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो‘‘ ने विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा बचत को ध्यान में रखते हुए योजनाएं प्रारंभ की हैं। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा विभिन्न उपकरणों में ऊर्जा दक्षता की रेटिंग के लिए बीईई स्टार लेबल जारी किए हैं। यह स्टार लेबल ऊर्जा दक्षता के रेटिंग के मानकीकरण और मानक परीक्षण परिस्थितियों में ऊर्जा की खपत को इंगित करने के लिए बनाये गये हैं। रेफ्रिजरेटर, एसी तथा अन्य ऊर्जा उपकरण खरीदते समय आपने इन बीईई स्टार लेबल को अवश्य देखा होगा। पॉंच स्टार का मतलब सबसे अधिक ऊर्जा दक्ष उपकरण और उससे कम स्टार पर उससे कम दक्ष उपकरण। अधिक ऊर्जा दक्ष उपकरण से ऊर्जा खपत में अधिक कमी कर पैसा बचाया जा सकता है।
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि एक अनुमान के अनुसार विद्युत के गुणवत्तापूर्ण उपयोग तथा उचित प्रबंधन और अनावश्यक उपयोग पर अंकुश लगाकर औद्योगिक क्षेत्र में 20 से 25 प्रतिशत, कृषि क्षेत्र में 25 से 30 प्रतिशत तथा घरेलू एवं वाणिज्यिक क्षेत्र में 15 से 20 प्रतिशत तक बिजली की बचत की जा सकती है। यदि हम ऊर्जा हानियों में कमी ला सकें और उपभोक्ताओं को ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रेरित कर सकें, तो प्रदेश का हित ऊर्जा क्षेत्र में और अधिक कर सकते हैं।