मध्य प्रदेश बिजली ऑउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव एवं महामंत्री राहुल मालवीय का कहना है कि जिस प्रकार राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री ने अपने राज्य में ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है और राजस्थान राज्य में नव गठित सरकारी लॉजिस्टीकल सर्विसेज डिलेवरी कॉर्पोरेशन के जरिए ठेका कर्मियों को वेतन देने की घोषणा की है।
ठीक उसी प्रकार राजस्थान सरकार की तरह मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बिजली सेक्टर सहित प्रदेश के सभी विभागों में एक सरकारी कंपनी बना कर ठेकेदारों के स्थान पर सीधे सरकारी कंपनी से वेतन देने की घोषणा करना चाहिए।
राजस्थान सरकार की इस घोषणा को लेकर मध्य प्रदेश की बिजली सेक्टर के ऑउटसोर्स कर्मचारियों ने उज्जैन महाकालेश्वर मन्दिर से लेकर राजधानी भोपाल तक 200 km सविनय निवेदन पद यात्रा प्रारंभ की है। ये कर्मचारी विभागों से सीधे वेतन देकर विभागीय संविलयन करने एवं गत जनवरी में हुए ऑउटसोर्स आंदोलन के दौरान हटाए गए 1000 आउटसोर्स कर्मचारी और 50 से अधिक संविदा कर्मचारियों को वापस सेवा में लेने एवं उन्हें काली सूची हटाने की मांग को लेकर एक बार पुनः आंदोलन की राह पर निकल कर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।