बिजली कंपनी में जमीनी तौर पर विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलायमान रखने एवं उपभोक्ताओं से प्रत्यक्ष रूप से संपर्क में रहकर शिकायतों का समाधान करने में लाइनमैन यानी तकनीकी कर्मचारियों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन बिजली अधिकारियों की अनावश्यक और नियम विरुद्ध मनमानी कार्यशैली के कारण तकनीकी कर्मचारी खासे प्रताड़ित हैं और सबसे बड़ी विडंबना ये है कि इस ओर से आला अधिकारियों ने भी अपनी आँखें मूंद ली हैं और कान बंद कर लिए हैं।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अधिकारियों के द्वारा तकनीकी कर्मचारियों को प्रताड़ित करते हुए विद्युत का काम मनमाने तरीके से करवाया जा रहा है। जबकि संघ के द्वारा अधिकारियों को हमेशा पत्र देकर अवगत कराया गया है कि 33*11 केवी लाइन को बंद और चालू करने के लिए अधिकृत सूची जारी की जावे, जो अधिकारियों के द्वारा आज तक नहीं की जा रही है।
इतना ही नहीं अधिकारियों के द्वारा आउटसोर्स, संविदा और नियमित कर्मचारियों पर नियम विरुद्ध दबाव डालकर कार्य कराया जाता है। वहीं कार्य के दौरान अगर किसी भी प्रकार की समस्या आती है या जोखिम का कार्य करते हुए कर्मचारी करंट लगकर घायल हो जाता है तो अधिकारी बचकर निकल जाते हैं। अधिकारियों के द्वारा चाहे जब मीटिंग ली जाती है, जिसमें लगभग दो घंटे बर्बाद किए जाते हैं, वही समय राजस्व वसूली, मेंटेनेंस, उपभोक्ताओं की शिकायत के समाधान में लगाया जा सकता है।
हरेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि उच्च अधिकारियों को जूनियर इंजीनियर से मीटिंग लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त को एक आदेश निकालकर चिन्हित कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई, साथ ही अनेक कर्मचारियों की बगैर आदेश नियम विरुद्ध ड्यूटी लगाई गई, इस तरह का कृत्य अधिकारियों के ऊपर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। वहीं अभी तीन दिन की छुट्टी है, अधिकारी-बाबू अपने-अपने परिवार के साथ त्यौहार मनाएंगे और लाइनमैन तीन दिन कार्य करेगा। अधिकारियों के द्वारा अवकाश के दिन रविवार को भी बगैर आदेश निकाल लाइनमैनों को बुलाया गया है। तकनीकी कर्मचारी को न अवकाश मिलता है और न ही वे कोई त्योहार परिवार के साथ मना पाते हैं, जिन लाइनमैनों का अवकाश रहता है उन्हें भी छुट्टी के दिन बुलाकर अधिकारी प्रताड़ित करते हैं।
संघ के मोहन दुबे, राजकुमार सैनी, अजय कश्यप, लाखन सिंह राजपूत, अमीन अंसारी, विनोद दास, इंद्रपाल सिंह, संदीप यादव, पवन यादव, विपतलाल विश्वकर्मा आदि ने कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि जमीनी अधिकारियों को निर्देशित करें कि तकनीकी कर्मचारियों जबरन प्रताड़ित न किया जावे एवं 33*11 केवी में कार्य करने वालों की अधिकृत सूची जारी करें एवं अनावश्यक मीटिंग लेना बंद किया जावे।