Thursday, December 26, 2024
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एमपी के दो शहरों में लोकायुक्त ने दो शासकीय सेवकों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथाें पकड़ा

जबलपुर (हि.स.)। सहकारिता विभाग में पदस्थ सहकारिता निरीक्षक सह प्रशासक प्रभाकर कंडया को सागर लोकायुक्त पुलिस ने सोमवार को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। वे शिकायतकर्ता व राशन विक्रेता से वेतन निकालने के एवज में 10 प्रतिशत रिश्वत की मांग कर रहे थे।

लोकायुक्त पुलिस के निरीक्षक रंजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि आवेदक व शिकायतकर्ता रोहित दुबे जो मोतीनगर थाना क्षेत्र में सरकारी उचित मूल्य राशन दुकान का सेल्समैन है। उसका तीन महीने का वेतन करीब 60 हजार रुपए बन रहा था। उसे यह वेतन कमीशन के रूप में मिलता है। आरोपी सहकारिता निरीक्षक उसका वेतन ​जारी करने के एवज में 10 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में डिमांड कर रहा था।

सेल्समैन रोहित दुबे ने इस आशय की शिकायत बीते दिनों लोकायुक्त एसपी सागर से की थी। मामले को वेरिफाई किया गया तो रिश्वत मांगने का आरोप सही पाया गया। इसके बाद टीम ने ट्रैप कार्रवाई का प्लान तैयार कर सोमवार दोपहर में रोहित दुबे को रिश्वत की राशि के रूप में 6 हजार रुपए लेकर असिस्टेंट कमिश्नर कार्यायल सहकारिता विभाग के कार्यालय में बैठे आरोपी प्रभाकर कंडया के पास भेजा गया था।

सहकारिता निरीक्षक सह प्रशासक प्रभाकर कंडया ने जैसे ही रिश्वत के रूप में कैमिकल्स लगे नोट अपने पास रखे और​ शिकायतकर्ता रोहित दुबे ने बाहर आकर लोकायुक्त टीम को ​रुपयों के लेनदेन का संकेत दिया, तत्काल ही टीम ने कार्यालय के अंदर दबिश देकर रिश्वतखोर प्रभाकर कंडया को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ लिया गया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

वहीं प्रदेश के बुरहानपुर में इंदाैर लाेकायुक्त पुलिस ने तहसीलदार राम पगारे के कार्यालय में छापा मार कर रीडर अशोक कुशवाहा को 3500 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथाें गिरफ्तार किया है। आराेपित रीडर ने जमीन का नामांतरण करने के एवज में रकम मांगी थी। फिलहाल लाेकायुक्त पुलिस नियमअनुसार आगे की कार्रवाई कर रही है।

लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि सिलमपुरा निवासी रोहित सिंह वर्मा ने इंदाैर लाेकायुक्त एसपी को शिकायत की थी।अपनी शिकायत में उसने बताया था कि उन्होंने अपनी बहन के नाम से दो प्लॉट मेक्रो विजन स्कूल के पास आनंद नगर में में खरीदे थे। इनके नामांतरण के लिए करीब तीन महीने पहले उन्होंने आवेदन दिया था। इस दौरान रीडर अशाेक कुशवाहा टालमटोल करता रहा। रविवार को रीडर फोन लगाकर कहा कि आपने जहां प्लॉट लिए हैं, वहां के 2500 रुपये प्रति प्लॉट का रेट है, यह आपको देना होंगे। इसके बाद फरियादी ने रीडर से कहा कि यह बहुत ज्यादा हैं, कम हो सकते हो बताइये। बाद में रीडर ने साढ़े चार हजार रुपये देने की बात कही।

फरियादी ने बताया कि वो पहले ही रीडर को एक हजार रुपये दे चुका था। इसके बाद उसने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत कर दी। शिकायत की पुष्टि के बाद सोमवार को जैसे ही रोहित वर्मा ने रीडर को 35 सौ रुपये दिए टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद रीडर को सर्किट हाउस ले जाया गया। जहां कागजी कार्रवाई पूरी की गई। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद तहसील कार्यालय में हड़कंप मच गया। वहां मौजूद अन्य लोगों ने बताया कि तहसीलदार कार्यालय में लंबे समय से रिश्वत का खेल चल रहा था। रीडर ने प्रत्येक नामांतरण के लिए तीन हजार रुपये तय कर रखे थे। बिना राशि दिए नामांतरण की फाइल आगे नहीं बढ़ती थी। डीएसपी लोकायुक्त ने बताया कि आरोपित के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच में यदि अन्य किसी की संलिप्तता सामने आती है तो उसे भी सह आरोपित बनाया जाएगा।

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