मध्यप्रदेश सरकार ने सभी संभागायुक्तों, जिला कलेक्टरों को निर्देशित कर स्पष्ट किया है कि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता की धारा 31 या किसी विधिक प्रावधानों के अंतर्गत अर्द्धन्यायिक या न्यायिक कार्यवाही कर रहे राजस्व न्यायालय के सभी पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश (संरक्षण) अधिनियम, 1985 की धारा-2 के अंतर्गत न्यायाधीश’ हैं।
उन्हें, ऐसी अर्द्धन्यायिक या न्यायिक कार्यवाही के दौरान किये गये किसी कार्य के विरुद्ध सिविल अथवा दाण्डिक कार्यवाही से अधिनियम की धारा-3 (2) के अधीन रहते हुए, संरक्षण प्राप्त है।
प्रमुख सचिव राजस्व विवेक कुमार पोरवाल ने इस संबंध में सभी संभागायुक्त और जिला कलेक्टर्स को परिपत्रों का पालन करने के लिये लिखा है।