जबलपुर (हि.स.)। शहर में गरीबों को सिर छिपाने के लिये बने कुल 13 रैन बसेरों में छह रैन बसेरा बंद हो चुके हैं। बचे हुये सात रैन बसेरों के लिए भी बजट नहीं है। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय प्रभारी फरजाना मिर्जा ने बताया कि समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के आधार पर मामले में संज्ञान लेकर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में प्रकरण पर सुनवाई करते हुए, अध्यक्ष मनोहर ममतानी तथा सदस्य राजीव कुमार टण्डन की युगलपीठ ने प्रथम दृष्टया मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर इस विषय को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने बताया कि जबलपुर के कलेक्टर एवं आयुक्त नगर निगम से प्रकरण की जांच कराकर, रैन बसेरों के संबंध में व्यवस्था में आ रही कमियों के सबंध में की गई कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। इसके साथ ही एक अन्य जनसमस्या जिसमे नगर निगम मुख्यालय से लेकर जोन कार्यालय तक में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं, इस कारण जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिये आवेदकों को भटकना पड़ रहा है। जिस पर मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के आधार पर मामले में संज्ञान लेकर कार्य कर रहा है।
इस संबंध में आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में प्रकरण की सुनवाई करते हुए, अध्यक्ष मनोहर ममतानी तथा सदस्य राजीव कुमार टण्डन की युगलपीठ ने प्रथम दृष्टया मानव अधिकारों के हनन का मामला मानकर, जबलपुर के आयुक्त नगर निगम से प्रकरण की जांच कराकर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्ति में किये जा रहे विलंब के संबंध में की गई उचित कार्यवाही के बारे में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।