मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि विश्वव्यापी आपदा Covid-19 के चलते प्रदेश के समस्त शासकीय-अशासकीय नर्सिग कालेजों के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं की डयूटी कोविड कंसल्टेंसी में लगाई जा रही है, जबकि उन्हें फील्ड पर काम करने का कोई अनुभव नहीं है और न ही वह इतने निपुणता है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में निर्णय ले सकें।
संघ का कहना है कि इन्हें गंभीर रोगियों के साथ सेवा में न लगारकर उनकी योग्यता अनुसार अन्य कार्य में इनकी सेवायें ली जा सकती थी। पिछले 15 माहों से प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थायें बन्द है छात्र घर पर रहकर ऑन लाईन पढाई कर रहे है।
इस बीच छात्राओं की डयूटी उनके अध्ययनरत कॉलेज वाले जिले में लगाई गई जो अनुचित है। जबकि यह छात्रायें देश-प्रदेश के विभिन्न अंचलों से बड़े शहरों में अपनी पढाई करने आई थी, छात्राओं की सुविधा की दृष्टि से इनकी डयूटी इनके गृह निवास वाले जिले में लगाई जाकर कार्य लिया जा सकता था किन्तु ऐसा नहीं किया गया है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द राजपूत, अवधेश तिवारी, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, मुन्नालाल पटैल, राकेश सेंगर, बलराम नामदेव, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, तरूण पंचौली, मनीष चौबे, श्यामनारायण तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, महेश कोरी, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी नितिन शर्मा, मनीष लोहिया आदि ने मुख्यमंत्री को ई-मेल भेजकर मांग की है कि नर्सिंग की अध्ययनरत भांजियों की सेवायें उनके गृह जिले में ही ली जाए, न की अध्ययनरत जिले में।