Monday, November 18, 2024
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उपार्जन केन्द्र से ही राइस मिलर्स को दी जायेगी अधिक से अधिक धान: खाद्य मंत्री

धान, ज्वार एवं बाजरा उपार्जन के लिये अभी तक 1.95 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है। किसान 4 अक्टूबर, 2024 तक पंजीयन करा सकते हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि समिति स्तरीय उपार्जन केन्द्र से ही अधिक से अधिक धान राइस मिलर्स को दी जायेगी। इससे समय पर मिलिंग का कार्य होने के साथ ही परिवहन और भण्‍डारण व्‍यय में भी बचत होगी। गोविंद सिंह राजपूत ने इस कार्य की सतत समीक्षा करने के निर्देश आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को दिये हैं।

आयुक्‍त खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण एवं प्रबंध संचालक मध्‍यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक्‍स कॉर्पोरेशन सिबि चक्रवर्ती ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान की समय-सीमा में तथा न्‍यूनतम व्‍यय पर मिलिंग कराने के लिये मध्‍यप्रदेश चावल उद्योग महासंघ के पदाधिकारियों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक की। सिबि चक्रवर्ती ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्‍य 2300 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। राज्‍य सरकार द्वारा लगभग 46 लाख मीट्रिक टन धान के उपार्जन की तैयारी की जा रही है।

किसानों को शीघ्र भुगतान एवं परिवहन व्‍यय को सीमित करने के लिये गोदाम स्‍तरीय केन्‍द्र स्‍थापित किए जायेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा धान मिलिंग की समय-सीमा जून-2025 निर्धारित की गई है। निर्धारित सीमा में मिलिंग करने के लिये चावल महासंघ के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गेहूँ के आवंटन में वृद्धि करने के कारण उपार्जित धान से निर्मित लगभग 60 प्रतिश‍त चावल भारतीय खाद्य निगम को परिदान करना होगा। इसके लिये मिलिंग प्रारंभ अवधि से ही भारतीय खाद्य निगम को चावल का परिदान मि‍लर्स को करना होगा। उपार्जित धान में से मिलिंग क्षमता अनुसार धान का प्रदाय मिलर्स को किया जायेगा, जिससे सभी मिलर्स को मिलिंग के लिये धान प्राप्‍त हो सके।

चावल महासंघ के पदाधिकारियों द्वारा विगत वर्ष के लंबित भुगतान, उपार्जन केन्‍द्र से सीधे धान प्राप्‍त करने में सूखत मान्‍य करने तथा अपग्रेडेशन राशि के निर्धारण शीघ्र करने का अनुरोध किया गया। मिलिंग के लिये प्रदाय की जाने वाली धान के लिये उपार्जन एजेन्‍सी द्वारा ली जाने वाली अमानत राशि में बैंक गारंटी/एफडी राशि कम लेने सहित अन्य विषयों पर भी ध्यान दिलाया गया। बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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