मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्यालय जबलपुर में टेक्निकल नॉलेज शेयरिंग थीम पर कार्यशाला का दूसरा चरण संपन्न हुआ, जिसमें प्रदेश भर के लगभग 25 असिस्टेंट एवं जूनियर इंजीनियर्स ने हिस्सा लिया। दो दिवसीय इस कार्यशाला के प्रारंभिक सत्र को संबोधित करते हुये एमपी ट्रांसको के प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने कहा कि कार्यशाला के पहले चरण के सकारात्मक परिणाम मिले हैं
उन्होंने आव्हान किया कि सीनियर्स कार्मिक संस्थान में कार्यरत दूसरी पीढ़ी के कार्मिकों से अपने अनुभव, ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने की प्रेक्टिस डालें ताकि एमपी ट्रांसको के नालेज शेयरिंग अभियान का उद्देश्य पूर्ण हो सके। उन्होंने कहा कि मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी के उत्कृष्ट संचालन के लिये सैद्धांतिक नॉलेज के साथ प्रेक्टिकल नॉलेज भी बहुत जरूरी है, जिसे हासिल करने के बाद ही फील्ड में इंजीनियर्स दक्षतापूर्वक अपने नॉलेज और टैलेंट का उपयोग कर सकेंगे।
मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी के युवा इंजीनियर्स टेक्निकल निपुणता हासिल करें तभी वो फील्ड पर बेहतर कार्य करने में सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक नियम है कि जो जितना ज्यादा काम जानता है उसका उतना ही ज्यादा नाम होता है। अतः कार्मिकों का खुद का सम्मान बचाने के लिये भी इन कार्यशालाओं का भरपूर फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला उच्च स्तरीय और बेहद निपुण इंजीनियर्स द्वारा आयोजित की गई हैै, जिसका सभी प्रतिभागी सकारात्मक मनयोग से अधिकतम लाभ उठाएं।
प्रबंध संचालक इंजी. सुनील तिवारी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी असिस्टेंट एवं जूनियर इंजीनियर्स का आव्हान किया कि वो अपने कार्य क्षेत्र के अलावा अपने आसपास की दूसरी लाइनों एवं सब-स्टेशनों पर भी नजर रखें और जरूरत पड़ने पर प्रो-एक्टिव होकर वहां भी अपने से काम करने में रूचि दिखायें।
कार्यशाला के संयोजक अधीक्षण अभियंता सुनील यादव हैं। प्रशिक्षण में मुख्य अभियंता प्रवीण कुमार गार्गव एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता एसव्ही बझे भी उपस्थित थे। अधीक्षण अभियंता एमवाय मंसूरी और अन्य विशेषज्ञ इंजीनियर्स ने इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को सब-स्टेशन मेंटनेन्स, सब-स्टेशन ऑपरेशन, ट्रांसमिशन लाइन मेंटनेन्स और विभिन्न एलिमेंटस की टेस्टिंग से संबंधित महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियां साझा कर कार्यशाला में उपस्थिति प्रतिभागियों की विभिन्न शंकाओं का समाधान भी किया।