मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ शिक्षक अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांताध्यक्ष मुकेश सिंह द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि राज्य शिक्षा केन्द्र, भोपाल द्वारा प्रदेश के समस्त प्रशिक्षण संस्थानों में शासकीय शिक्षकों के लिए बीएड-एमएड प्रशिक्षण हेतु प्रवेश में आयु सीमा 50 वर्ष निर्धारित की गई है।
एमएड करने वाले शिक्षकों को आयु सीमा 50 वर्ष होने के कारण प्रशिक्षण से वंचित रहना पडता है क्योंकि शासन के आदेश हैं कि बीएड उत्तीर्ण करने के दो वर्ष बाद ही एमएड किया जा सकता है, जिसके कारण 48 वर्ष की आयु में बीएड करने वाले अधिकांश शिक्षक एमएड से वंचित रह जा रहे हैं।
राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा प्रदेश के प्रशिक्षण संस्थानों में करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद भी सैकड़ों शिक्षक उच्च व्यवसायिक योग्यता से वंचित रह जा रहे हैं, क्योंकि एमएड करने के लिए तीन वर्ष का हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल में पढ़ाने का अनुभव आवश्यक है। इस कारण राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एमएड प्रशिक्षण हेतु आयु सीमा 50 वर्ष के स्थान पर 55 वर्ष की जानी चाहिये ताकि आयु सीमा में वृद्धि होने से अधिक से अधिक शिक्षक उच्च व्यवसायिक योग्यता का लाभ ले पायेंगे।
संघ के मुकेश सिंह, अजय सिंह ठाकुर, योगेन्द्र मिश्रा, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, श्यामनारायण तिवारी, प्रणव साहू, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, मनोज सेन, शुभ संदेश सिगौर, सुदेश पाण्डेय, विनय नामदेव, देवदत्त शुक्ला, सोनल दुबे, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिस्ती, पवन ताम्रकार, संजय श्रीवास्तव, आदित्य दीक्षित, संतोष कावेरिया, जय प्रकाश गुप्ता, आनंद रैकवार, अभिषेक मिश्रा, संतोष तिवारी आदि ने प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा एवं आयुक्त, राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल को ई-मेल भेजकर प्रदेश के शासकीय प्रशिक्षण संस्थानों में एमएड प्रवेश हेतु आयु सीमा को 50 वर्ष के स्थान पर 55 वर्ष किये जाने की मांग की है।