मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कृषि विभाग में प्रत्येक कृषि विस्तार अधिकारी के पास 20 से 30 ग्रामों का प्रभार है, जिन्हें ग्राम के ग्रामीण कृषकों के फसल की सत्यता का सर्वे किसान एप के माध्यम से खेत का स्थल निरीक्षण करने का दायित्व दिया गया है एवं सारा एप माध्यम से फसल कटाई प्रयोग अधिक संख्या में करने का दायित्व भी दिया गया है।
वर्तमान में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी लागातार सेवानिवृत्ति के कारण संख्या में कम होते जा रहे हैं। सेवानिवृत्ति के अनुपात में नई भर्ती नहीं होने के कारण इन कृषि विस्तार अधिकारियों को तकनीकी कार्य का अधिक बोझ पड़ रहा है तथा वह इस कार्य के बोझ से गंभीर बीमारियों का शिकार बनते जा रहे है, जिससे इनकी कार्य क्षमता पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है।
संघ के एसके बांदिल, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, एनएल चौधरी, डीडी गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, अखिलेश त्रिपाठी, एसएस मेहरा, ममता ठाकुर, राजबाला गोहिया, रामप्यारी धुर्वे आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि नई भर्ती कर कृषि विस्तार अधिकारियों के काम के बोझ को कम किया जावे ताकि उसका सीधा फायदा कृषक को पहुंच सके।