मध्य प्रदेश शासन के अधिकारी जो न करें वो कम है, अपने अजीबोगरीब निर्णयों और कारनामों से सुर्खियों में रहने वाले एमपी के अधिकारियों का एक और निर्णय कर्मचारियों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। जबलपुर में रानी अवंतीबाई लोधी परियोजना मुख्य अभियंता डीएल वर्मा के द्वारा कार्यपालन यंत्री को नोटिस दिया गया, परंतु उपयंत्री, चौकीदार और समयपाल पर निलंबन की कार्यवाही की जा रही है।
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मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने बताया कि विगत दिनों एक अनाथ बच्ची का विवाह सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सामूहिक निर्णय से, पास की खाली पड़ी जगह पर कुछ ही समय में करवा दिया। समाचार पत्रों में छपी एक खबर के अनुसार विवाह स्थल को सुरक्षित स्थान मानकर मुख्य अभियंता डीएल वर्मा के द्वारा अब कर्मचारियों पर कार्यवाही की जा रही है।
संघ ने बताया कि मुख्य अभियंता डीएल वर्मा के द्वारा मध्यप्रदेश शासन के आदेशों को ठेंगा दिखाया जाता है। कर्मचारियों की संयुक्त परामर्शदात्री की बैठक का आयोजन समय पर नहीं किया जाता है। संविदा कर्मियों को अनुविभागीय अधिकारी का कार्यभार दिया गया है। संलग्नीकरण बंद नहीं किया गया है। शासकीय आवासों की राशि बंगलों में लगाई जा रही है, कर्मचारियों के आवासों की मरम्मत भी नहीं कराई जा रही है। योग्यता के अनुसार समयपालों को प्रभार नहीं दिये जा रहे हैं।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अटल उपाध्याय, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, निर्मल चंसोरिया, होरीलाल नाथ, पीके सिंह, महेश पटेल, अंकित चौरसिया, शैलेन्द्र दुबे ने अनाथ बच्ची का विवाह कराने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं पर की जाने वाली निलंबन की कार्यवाही की घोर निंदा करते हुए उपायुक्त राजस्व श्रीमती कविता बाटला को ज्ञापन सौंपकर डीएल वर्मा के निलंबन की मांग की है।