ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स संयुक्त संघर्ष मोर्चे के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव ने प्रदेश भर से भोपाल आये आउटसोर्स कर्मचारियों की सभा को संबोधित करते हुए आज कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने दूसरे कार्यकाल में शपथ लेने के तुरंत बाद प्रदेश से बिचौलियों को खत्म करने का जो वादा किया था, वे उसे निभाऐं और मध्य प्रदेश के ढाई लाख आउटसोर्स कर्मियों को ठेकेदारी के पीड़ादायक पिंजड़े से मुक्त कर उन्हें विभागों व उपक्रमों से सीधे वेतन दिलायें, क्योंकि मध्य प्रदेश में सैकडों मानव बल ठेकेदार प्रदेश के हजारों कर्मचारियों का वेतन, बोनस व बीमा राशि हड़प रहे हैं। ऐसा करने से राज्य सरकार के ठेकेदारी कमीशन, जीएसटी व टीडीएस के रूप में खर्च होने वाले करीब 1500 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष बचेंगे।
मनोज भार्गव ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब दिल्ली, तेलंगाना सहित अनेक स्टेट अपने-अपने राज्यों में केन्द्र सरकार के आउटसोर्स कर्मियों के बराबर न्यूनतम वेतन रिवाईज़ कर दे रहे हैं, तो मप्र के मामा इस मामले में पीछे क्यों हैं? उन्होंने कहा कि यदि सरकार में वापिस आना है जरूरी, तो बिना खर्च आउटसोर्स की माँग पूरी कर दें। बिना वित्तीय बोझ के आउटसोर्स कर्मियों का विभागीय संविलयन हर दृष्टि से बहुत जरूरी है। यदि सरकार छोटे व लघु पद सृजित कर प्रदेश के ढाई लाख आउटसोर्स कर्मचारियों का संविलियन करती है तो विभाग भी मजबूत होंगे और प्रदेश की ढाई लाख युवा पीढ़ी को ठेका प्रथा के शोषण से निजात मिलेगी।