मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि पूर्व सरकार द्वारा प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना 1 अप्रैल 2020 से लागू करने की घोषणा की थी, योजना को मूर्त रूप देने के लिए वित्त विभाग द्वारा 19 फरवरी 2020 को आदेश जारी किया गया था। जिससे प्रदेश के सभी कर्मचारियों को आईएफएमआई सॉफ्टवेयर में कर्मचारियों परिवार विवरण एवं नामांकित वितरण करने के निर्देश दिये गये थे। जिसे प्रदेश के लगभग सभी विभागों द्वारा पूर्ण कर लिया गया है और प्रदेश के लाखों कर्मचारी इस योजना को लागू होने की आस लगाये बैठै हैं।
वहीं कोविड-19 महामारी के चलते उक्त योजना को शासन द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। आज तक योजना के क्रियान्वयन नहीं होने से कर्मचारी तथा उनका परिवार आज भी अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं उठा पा रहा है और प्राईवेट चिकित्सालयों में इलाज अत्यधिक महंगा होने के कारण कर्मचारी गंभीर बीमारी की स्थिति में उचित इलाज नहीं मिलने से अकाल मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। योजना का लाभ नहीं मिलने से कर्मचारी एवं उसके परिवार को स्वास्थ्य संबंधी देखभाल में लाखों रुपये स्वयं व्यय करना पड़ रहा है, जिससे प्रदेश के कर्मचारियों में भारी आक्रोश व्याप्त है ।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, गणेश उपाध्याय, मनीष लोहिया, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चंदेल, एसपी बाथरे, परशुराम तिवारी, नवीन यादव, सतीश देशमुख, रमेश काम्बले, पंकज जायसवाल, योगेश कपूर, सीएन शुक्ला, चूरामन गूजर, शेरसिंह, निशांक तिवारी, अभिषेक वर्मा, शैलेन्द्र दुबे, नितिन शर्मा, श्यामनारायण तिवारी, संतोष तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते शीघ्र स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाये।