मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि कोविड-19 कोरोना वायरस की आड़ में प्रदेश शासन द्वारा मई 2020 में मिलने वाली 7वें वेतनमान की तृतीय किशत पर रोक लगा दी गई थी।
प्रदेश सरकार द्वारा जैसे-तैसे माह फरवरी 2021 में आदेश जारी कर भुगतान पर लगी रोक हटाते हुए तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिये गये थे। किन्तु स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की तानाशाही हठधर्मिता एवं स्वेच्छाचारित के चलते कोरोना योद्धाओं स्टाफ नर्स, एएनएम, एमपीडब्ल्यू एवं सुपरवाइजरों को आज तक सातवें वेतनमान की तृतीय किश्त का भुगतान नहीं किया गया है।
अधिकारियों द्वारा भुगतान न होने का कारण यह दिया जा रहा है कि सेवा पुस्तिकओं में कोष एवं लेखा का सत्यापन नहीं हुए है,जबकि सातवां वेतनमान लागू हुए लगभग पांच वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, इन पांच वर्षों में सेवा पुस्तिकाओं में सत्यापन कराया जा सकता था, किन्तु लापरवाह अधिकारियों द्वारा ऐसा नहीं किया गया। महामारी के इस दौर में कोरोना योद्धाओं के साथ हो रहे अन्याय को उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, आलोक अग्निहोत्री, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, परशुराम तिवारी, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, गोविन्द विल्थरे, रजनीश तिवारी, डी.डी. गुप्ता, पवन श्रीवास्तव, मुन्ना लाल पटैल, विश्वास शर्मा, राकेश राव, सत्येन्द्र ठाकर विवके तिवारी, श्यामनारायण तिवारी, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, संजय श्रीवास्तव, राकेश उपाध्याय, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, अब्दुल्ला चिश्ती, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी आदि ने कलेक्टर जबलपुर से मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग के फ्रंट लाईन वर्कर कोरोना योद्धाओं को सातवें वेतनमान की तृतीय किश्त का शीघ्र भुगतान कराया जावे तथा भुगतान में हो रहे विलंब के दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाये।