मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेन्द्र दुबे तथा जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने प्रदेश के कर्मचारियों को अलग-अलग उम्र में रिटायर किये जाने की कड़ी निन्दा की है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश शासन के कुछ कर्मचारियों को 65 वर्ष की उम्र में रिटायर किया जाता है, वहीं कुछ कर्मचारियों को 62 वर्ष की आयु में ही रिटायर कर दिया जाता है। जबकि सभी कर्मचारियों की नियुक्ति एक ही नियम से होती है, सभी लाभ भी एक समान दिये जाते हैं।
अलग-अलग उम्र में सेवानिवृत्त कर कर्मचारियों के साथ फूट डालो की नीति अपनाई जा रही है। अलग-अलग उम्र में रिटायर करने से अधिकारियों और कर्मचारियों में फूट पड़ी हुई है, मोर्चा पदाधिकारियों ने इसे कर्मचारियों के साथ भेदभाव करना बताया है। यह पूरी तरह कर्मचारियों को बांटने की नीति है। फूट डालो की नीति बंद कर सरकार को सभी कर्मचारियों को योग्य मानकर एक साथ 65 वर्ष की उम्र में रिटायर करना चाहिए।
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिला संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, मुकेश चतुर्वेदी, नरेश शुक्ला, संजय गुजराल, प्रशांत सोंधिया, एसके बांदिल, प्रदीप पटैल, देव दोनेरिया, रविकांत दहायत, योगेश चौघरी, अजय दुबे, विश्वदीप पटेरिया, सन्तोष मिश्रा, योगेन्द्र मिश्रा, धीरेंद्र सिंह, मुकेश मरकाम, आशुतोष तिवारी, चंदू जाऊलकर, नरेंद्र सेन, रजनीश पांडेय, संदीप नेमा, गोविंद विल्थरे ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 65 वर्ष की उम्र पूर्ण करने के पश्चात ही रिटायर करने की माँग की है।