मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने प्रदेश सरकार द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल ना किए जाने पर रोष व्यक्त किया है, अनेक प्रदेश पेंशन बहाल कर चुके हैं, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार लाभ नहीं दे रही है, सेवानिवृत्त पेंशन की पात्रता 33 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष भी की जा रही है, जस का तस लाभ नहीं दिया गया।
मोर्चा के विश्वदीप पटेरिया, संतोष मिश्रा, नरेश शुक्ला ने बताया है कि सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष न कर भेदभाव किया जा रहा है, शिक्षकों, डॉक्टरों की 65 वर्ष है। सरकार महंगाई भत्ते के एरियर्स की राशि ना देकर अधिकारियों कर्मचारियों को आर्थिक हानि पहुंचा रही है। रमेश चंद्र शर्मा की समिति की अनुसंशा के अनुसार लिपिकों को भी मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान का लाभ एक अप्रैल 2006 से नहीं दिया गया है। यह लाभ 6 वर्ष पश्चात भी नहीं दिया गया, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर आउटसोर्स के रूप में भर्ती गलत की जा रही है। भृत्य का पदनाम कार्यालय सहायक नहीं किया जा रहा है, जबकि इसमें आर्थिक बोझ नहीं आना है।
मोर्चा के रविकांत दहायत, योगेश चौधरी,मुकेश मरकाम, देव दोनेरिया, संजय गुजराल ने अनुकम्पा नियुक्ति में सहायक ग्रेड-तीन को निर्धारित समयावधि में सीपीसीटी परीक्षा उत्तीण करने की बाध्यता खत्म करना कर्मचारियों के लिए अत्यंत आवश्यक है, उन्होंने आगे बताया है कि टैक्सी प्रथा बंद कर वाहन चालकों के रिक्त पदों पर भर्ती की जाना चाहिए, आज सरकारी चालक बेकार घूम रहे है।
वहीं पदोन्नतियाँ ना कर सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों को लाभों से वंचित कर रही है। कम्प्यूटर ऑपरेटर की योग्यता होने के पश्चात सहायक ग्रेड 3 को कम्प्यूटर ऑपरेटर के समान ग्रेड पे 2400 ना देकर अधिकारों का शोषण किया जा रहा है। सहायक शिक्षकों को समयमान वेतनमान व पदोन्नति पदनाम दिया जाना था। अध्यापक एवं गुरूजी संवर्ग को नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता भी नहीं दी जा रही है, सीधी भर्ती के पदों पर दिये जा रहे फंड के स्थान पर नियुक्ति दिनांक से संबंधित पद का वेतनमान दिया जाना चाहिए था। हैंडपंप तकनीशियन की वेतन विसंगति आज भी अटकी हुई है। कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान अवकाश नगदीकरण का लाभ नहीं दिया जा रहा है।
मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, प्रशांत सोधिया, अजय दुबे, धीरेंद्र सिंह, यूएस करोसिया, योगेंद्र मिश्रा, आसुतोष तिवारी, दुर्गेश पाण्डे, मंसूर बेग, सुरेंद्र जैन, सतीश उपाध्याय, विनय नामदेव ने समस्त
अधिकारियों और कर्मचारियों की समस्याओं के निदान की मांग की है।