मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांत अध्यक्ष मुकेश सिंह ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जो शिक्षकों पर अविश्वास किया जा रहा है, वो घोर निंदनीय है। प्रदेश में केवल एक शिक्षा विभाग ही नहीं, अन्य 52 विभाग के लाखों कर्मचारी कार्यरत हैं, इनके द्वारा केवल शिक्षा विभाग के विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रतिदिन शिक्षकों से ही अटेंडेंस के हाजिरी रजिस्टर की फोटो कापी मंगाई जा रही है, जो नियम विरुद्ध है।
विमर्श पोर्टल में डीईओ के लिंक एम शिक्षा मित्र में अटेंडेंस देने के बाद भी शिक्षकों से रजिस्टर की फोटो कापी मंगाना समझ के परे है। अगर रजिस्टर की फोटो कॉपी मंगाना ही है तो सभी विभाग प्रमुखों से कॉपी मंगा कर ऑनलाइन फीड की जाए, न कि केवल शिक्षकों की। शिक्षकों से किए जा रहे सौतेले व्यवहार से प्रदेश के लाखों शिक्षकों में भारी आक्रोश व्याप्त है, अगर इसे लागू ही करना है तो सभी विभागों में किया जाए न कि केवल शिक्षा विभाग में।
संघ के मुकेश सिंह, योगेन्द्र मिश्रा, अजय ठाकुर, सुनील राय, मनीष चौबे, श्यामनारायण तिवारी, राजकुमार सिंह, मुकेश रजक, महेश कोरी, राकेश दुबे, प्रणव साहू, राकेश पाण्डे, गणेश उपाध्याय, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिक, अभिषेक मिश्रा, बृजेश गोस्वामी, सोनल दुबे, देवदत शुक्ला, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्ती, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, आदित्य दीक्षित, विष्णु पाण्डे, मनोज पाटकर आदि ने मांग की है कि शिक्षा विभाग शिक्षक से भेदभाव करना बंद करे।