मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि द्वारा एमपी सरकार द्वारा सीएम राईज के नाम पर प्रदेश के शिक्षा विभाग में फिर एक नया प्रयोग आरंभ किया जाने की तैयारी चल रही है।
योजना के तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों हर 15 कि.मी.के दायरे के समस्त हायर सेकेंडरी, हाईस्कूल, मीडिल स्कूल एवं प्रायमरी स्कूल को बन्द कर एक ही स्थान पर सीएम राईज के नाम से सर्वसुविधायुक्त शाला प्रारंभ किये जाने का खाका तैयार किया गया है।
योजना अमल में आते ही 15 किमी एरिया के सभी हायर सेकेंडरी, हाईस्कूल, मीडिल स्कूल एवं प्रायमरी स्कूल को मर्ज कर दिया जावेगा। जिसका नुकसान सर्वाधिक ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब पालकों पर पडेगा।
जिनके बच्चे शाला के साथ-साथ घर के काम व छोटे भाई-बहिनों की देखभाल कर गांव के गांव में अपनी पढ़ाई पूरी कर लेते थे, उन्हें अब केवल एक विकल्प ही चुनना पडेगा। शासन द्वारा अशासकीय शालाओं को फायदा पहुंचाने के लिए 15 किमी की सभी शासकीय शालायें बन्द कर अशासकीय शालाओं को बढावा देने की मंशा प्रतीत होती है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, मुन्ना लाल पटैल, आलोक अग्निहोत्री, मुकेश सिंह, के.के.मिश्रा, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, सुरेन्द्र जैन, सतीश उपाध्याय, डॉ.संदीप नेमा, मुकेश मिश्रा बृजेश मिश्रा, मनोज सिंह, वीरेन्द्र चन्देल, एस.पी. बाथरे, तुषेन्द्र सिंह, जवाहर लोधी, नीरज कौरव, निशांक तिवारी, परशुराम तिवारी, दिलराज झारिया, सी.एन. शुक्ला, चुरामन गुर्जर, पंकज जायसवाल, योगेश कपूर, सतीश देशमुख आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि शिक्षा विभाग में नित नये प्रयोग बन्द पुराने विद्यालयों में ही आधुनिक सुविधायें के साथ पांच कक्षाओं के पांच शिक्षक उपलब्ध कराये जाये।