मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसे बकायादारों के लिए विशेष योजना लेकर आयी है, जिनका बिजली कनेक्शन बिल जमा नहीं करने के कारण स्थायी रूप से कट गया है। ऐसे उपभोक्ता बकाया राशि की 25 प्रतिशत राशि जमा कर अपना बिजली कनेक्शन जुड़वा सकेंगे। वहीं बकाया राशि 6 समान किश्तों में आगामी महीनों में आने बिजली बिल के साथ जमा कर सकेंगे।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि कोविड-19 के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में काफी संख्या में उच्चदाब एलवी-2 गैर घरेलू एवं एलवी-4 श्रेणी के निम्नदाब उपभोक्ता द्वारा विद्युत की बकाया राशि नहीं चुकाने के कारण कनेक्शन विच्छेदित हो गये हैं। साथ ही बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान नहीं करने के कारण संबंधित संचालक उन्हें चालू नहीं करा पा रहे हैं। अत: विभिन्न प्रकार के स्थाई रूप से विच्छेदित उच्चदाब एलवी-2 एवं एलवी-4 श्रेणी के उपभोक्ताओं के संयोजन पुन: प्रारंभ करना तथा पूर्व की बकाया राशि के भुगतान में राहत प्रदान करना विशेष योजना-2022 का मुख्य उद्देश्य है। यह योजना प्रभावशील होने की दिनांक से एक वर्ष तक लागू रहेगी।
योजना में पात्रता
समस्त उच्चदाब, एलवी-2 एवं एलवी-4 श्रेणी के स्थाई रूप से विच्छेदित उपभोक्ता जो योजनानुसार बकाया राशि जमा कर पुनर्संयोजित होना चाहते हैं, इस योजना के लिए पात्र रहेंगे। समस्त स्थाई रूप से विच्छेदित उपभोक्ता जो योजनानुसार बकाया राशि जमा कर पुनर्संयोजित होना चाहते हैं एवं वर्तमान भार में परिवर्तन तथा पुनर्संयोजन का प्रयोजन बदलना चाहते हैं, वे भी इस योजना के लिए पात्र रहेंगे।
योजना में प्रावधान
स्थाई रूप से विच्छेदित उच्चदाब, एलवी-2 एवं एलवी-4 श्रेणी के उपभोक्ता जिनकी प्रारंभिक अनुबंध अवधि विच्छेदन की तिथि को या पहले समाप्त हो गई है एवं कनेक्शन पुन: संयोजित कराना चाहते है, ऐसे उपभोक्ताओं को स्थाई विच्छेदन के दिनांक पर देय कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत भुगतान विद्युत संयोजन के पूर्व देना होगा। शेष राशि का भुगतान अधिकतम 6 समान किश्तों में संयोजन के बाद प्रतिमाह विद्युत देयकों के साथ देना होगा। पुनर्संयोजित होने के लिए उपभोक्ताओं को नवीन अनुबंध करना होगा। साथ ही नियामक आयोग द्वारा जारी आदेशानुसार सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेस भी देना होगा। अगर उपभोक्ता की अमानत राशि का समायोजन बकाया राशि में कर लिया गया हो तो उसे नवीन अमानत राशि नियमानुसार जमा करनी होगी।
यदि उपभोक्ता पुनर्संयोजित होना चाहता है, तो योजना का लाभ लेने के लिये उपभोक्ता को स्टॉम्प पेपर पर एफिडेविट देना होगा कि उपभोक्ता द्वारा योजनानुसार 25 प्रतिशत राशि एकमुश्त भुगतान की जावेगी एवं पुर्नसंयोजन के बाद शेष राशि की 6 किश्तों तथा मासिक देयकों का भुगतान निर्धारित समयावधि में करना होगा। किश्तों का या मासिक देयकों का या दोनों का भुगतान निर्धारित समयावधि में नहीं करने पर विद्युत प्रदाय विच्छेदित किया जा सकेगा एवं उपभोक्ता को नियमानुसार सरचार्ज भी देना होगा। किसी भी माह चालू देयक एवं किश्त की राशि नियत दिनांक तक जमा नहीं होने पर उपभोक्ता का संयोजन 15 दिवस का सूचना-पत्र देकर विच्छेदित करने का दायित्व संबंधित महाप्रबंधक वृत्त प्रभारी का होगा।
यदि कोई उपभोक्ता योजना में कम संविदा मांग (जो संबंधित वोल्टेज के लिए निर्धारित न्यूनतम संविदा मांग से कम नहीं होगी) अथवा बढ़ी हुई संविदा मांग लिए विद्युत प्रदाय लेना चाहता है तो उसे नये अनुबंध में विद्युत प्रदाय संहिता के प्रावधानों के अनुसार कम अथवा बढ़ी हुई संविदा मांग स्वीकृत की जा सकेगी। इस स्थिति में उपभोक्ता द्वारा नियामक आयोग द्वारा जारी आदेशानुसार सप्लाई अफोर्डिंग चार्जेस देना होगा।
बढ़ी हुई संविदा मांग के लिए यदि ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि या नवीन लाईन का निर्माण, कंडक्टर बदलने आदि की आवश्यकता हुई तो उसका खर्च उपभोक्ता को स्वयं वहन करना होगा। इसके लिए नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश लागू होगा।
यदि योजना अवधि में कोई विच्छेदित उच्चदाब, एलवी-2 एवं एलवी-4 श्रेणी के उपभोक्ता अपनी इकाई का हस्तांतरण किसी अन्य के लिये व्यक्ति अथवा कंपनी को करता है, तो विद्युत प्रदाय करने के लिए उपरोक्त सुविधाएँ नये उपभोक्ता को प्राप्त हो सकेंगी। बशर्ते कि उसमें पूर्व उपभोक्ता की सहमति हो तथा नये एवं पूर्व उपभोक्ता द्वारा उपरोक्त दायित्व वहन करने के लिए अंडरटेकिंग दी गई हो। उन्हें कंपनी के नियमानुसार नवीन संयोजन के लिए अनुबंध निष्पादित करना होगा। योजना का लाभ उपभोक्ताओं को योजना अवधि में केवल एक बार ही मिलेगा।
योजना में प्राप्त आवेदनों पर निर्णय लेने का अधिकार विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय मुख्य अभियंता को रहेंगे। किसी भी प्रकार के विवाद की स्थिति में कंपनी के कॉर्पोरेट कार्यालय में गठित समिति, जिसमें निदेशक अथवा मुख्य महाप्रबंधक (वाणिज्य), मुख्य वित्तीय अधिकारी एवं क्षेत्रीय मुख्य अभियंता रहेंगे, विवेचना कर कंपनी के प्रबंध संचालक के समक्ष निर्णय के लिए प्रस्तुत करेंगे। प्रबंध संचालक का निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा। योजनावधि में जो भी प्रस्ताव आयेगें, उन्हें योजना का लाभ मिलेगा। योजना अवधि समाप्ति के अंतिम दिन तक प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण हर स्थिति में 30 दिन के अंदर कर दिया जायेगा।