Thursday, December 19, 2024
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एमपी के ग्वालियर और ओरछा शहर यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में हुए शामिल

मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर और ओरछा को यूनेस्को ने अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम के तहत वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल कर लिया है।

अब यूनेस्को ग्वालियर और ओरछा के ऐतिहासिक स्थलों को बेहतर बनाने और उसकी खूबसूरती निखारने के लिए पर्यटन विभाग के साथ मिलकर मास्टर प्लान तैयार करेगा। साल 2021 में यूनेस्को की टीम मध्यप्रदेश आएगी और यहां की हेरिटेज संपदा को देखकर मास्टर प्लान तैयार करेगी।

यह परियोजना भारत और दक्षिण एशिया के लिए एक मिसाल कायम करेगी। इस परियोजना के तहत यूनेस्को ऐतिहासिक शहरों के लिए एचयूएल की सिफारिश पर आधारित शहरी विकास के लिए सबसे बेहतर तरीके और साधनों का पता लगाएगा।

बुंदेलखंड में स्थित खूबसूरत ओरछा का इतिहास बेहद खास है। ओरछा अपने मंदिरों और महलों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। ओरछा पूर्ववर्ती बुंदेला राजवंश की 16 वीं शताब्दी की राजधानी है। जिसे राजपूत और मुगल स्थापत्य प्रभावों के एक अनोखे संगम द्वारा परिभाषित किया गया है।

यहां कई सारे मंदिर और महल स्थित हैं, जिनकी कोई न कोई पौराणिक कथा है। ओरछा राज महल, जहांगीर महल, रामराजा मंदिर, राय प्रवीन महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर एवं कई अन्य प्रसिद्ध मंदिरों और महलों के लिए विख्यात है।

वहीं मध्यप्रदेश का ऐतिहासिक नगर और राज्य का प्रमुख शहर है ग्वालियर। 9 वीं शताब्दी में स्थापित ग्वालियर विशिष्ट रूप से अपनी निर्मित सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय समुदायों के इंटरफेस पर स्थित है।

यह शहर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल कछवाहों तथा सिंधिया की राजधानी रहा है। इनके द्वारा छोड़े गए प्राचीन चिन्ह स्मारकों, किलों, महलों के रूप में मिल जाएंगे। सहेज कर रखे गए अतीत के भव्य स्मृति चिन्ह इस शहर को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।

आज ग्वालियर एक आधुनिक शहर है के साथ-साथ जाना-माना औद्योगिक केन्द्र है। ओरछा और ग्वालियर दोनों की नगरीय आकार और बनावट व्यावहारिक नगर नियोजन का प्रतिनिधित्व करती है। जिसे ऐतिहासिक रूप से क्षेत्र के प्राकृतिक भूगोल में शामिल किया गया था और यह उनकी आधुनिक, शहरी बस्तियों के लिए महत्वपूर्ण है।

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