मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में मृत हुए मप पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्मिकों को शिवराज सरकार के आदेश के बाद भी अभी तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पायी है। अनुकंपा नियुक्ति के लिए शक्ति भवन के चक्कर काट रहे कार्मिकों से अधिकारियों का साफ कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण ऊर्जा विभाग भोपाल में अटके हुए हैं, वहां से आदेश आने पर ही कुछ हो सकता है।
वहीं विद्युत सूत्रों का कहना है कि सिर्फ पावर ट्रांसमिशन कंपनी ही नहीं प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों में अमूमन यही स्थिति है। विद्युत सूत्रों की मानें तो विद्युत कंपनियों में लागू की गई नयी अनुकंपा नीति के अनुसार 2012 से सभी मृत कार्मिकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जानी है, लेकिन कंपनी प्रबंधन की लापरवाही और उदासीनता के चलते अनुकंपा आश्रितों को अभी तक इससे वंचित रहना पड़ रहा है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी अपनी खामियों को छिपाने के लिए सारा ठीकरा सरकार और ऊर्जा विभाग पर फोड़ रहे हैं।
वहीं प्रदेश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में मृत हुए कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के स्पष्ठ निर्देश शिवराज सरकार ने दिए थे, इसके बावजूद ऑनरिकॉर्ड कोरोना संक्रमण से मृत हुए कार्मिकों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। वहीं इसी दौरान कोरोना संक्रमण के चलते मृत हुए कार्मिक, जिनकी मृत्यु का कारण अन्य बताया गया है, उनके परिजनों को नयी अनुकंपा नीति के तहत नियुक्ति देने की बजाय भटकाया जा रहा है।
अनुकंपा नियुक्ति पर जारी है हीलाहवाली
अनुकंपा नियुक्ति को लेकर की जारी हीलाहवाली पर मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के सीजीएम (मानव संसाधन एवं प्रशासन) एसके गायकवाड से मुलाकात की। इस दौरान हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड बीमारी एवं सेवा के दौरान हुई मृत्यु से अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ऑन रिकॉर्ड ट्रांसमिशन कंपनी में 31 कार्मिकों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है। इस पर सीजीएम श्री गायकवाड का कहना है कि अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यवाही चल रही है। शीघ्र ही ट्रांसमिशन कंपनी में अनुकंपा नियुक्ति दी जावेगी। इस अवसर पर संघ के केएन लोखंडे, मोहन दुबे आदि उपस्थित रहे।