मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, राज्यसभा सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर राज्य व जिला स्तरीय निगम बोर्ड के चेयरमेन, राज्य व जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों के निज सहायक जिनके कार्यालय आने का समय तो निश्चित है, किन्तु उनके घर लौटने का कोई समय निश्चित नहीं है।
इन निज सहायकों से बिना किसी सार्वजनिक अवकाश के साथ-साथ शनिवार रविवार के अवकाश सहित साल के 365 दिन अनवरत उनसे कार्य लिया जाता है। शासन-प्रशासन की योजनाओं को अमली जामा पहनाने की महत्वपूर्ण दायित्व एवं कर्तव्य इसी अमले का ही होता है। प्रतिदिन 16 से 18 घण्टे सेवायें देने के बदले यह 13 माह के वेतन के हकदार है। उक्त उल्लेखित माननीयगण एवं अधिकारियों द्वारा अपने निज सहायकों का मोबाइल ही उपयोग किया जाता है, जिसके बदले यह मोबाइल भत्ते के भी हकदार हैं।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, संजय यादव, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मंसूर बेग, बृजेश मिश्रा, आशुतोष तिवारी, योगेन्द्र मिश्रा, डॉ संदीप नेमा, बृजेश ठाकुर, राजेश गुर्जर, अमित नामदेव, आशीष सक्सेना, राकेश सुनमोरिया, जगदीश सेन, विवेक भट्ट, सुधीर खेर, तपन मोदी, एआई मंसूरी, इद्रजीत धूरिया, योगेन्द्र तिवारी, संतोष दुबे, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, मिलन बरकडे, धन सिंह झारिया, कालीचरण आदि ने मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन से मांग की है कि निज सहायकों की सहभागिता एवं कर्तव्यों, दायित्वों, लगन एवं निष्ठा को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस महकमें की तर्ज पर 1 वर्ष में 13 माह का वेतन एवं मोबाईल भत्ता भी दिया जावे।