मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से मंहगाई भत्ते में बढ़ोतरी करते हुए 31 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं राज्य के कर्मचारियों को अभी भी 20 प्रतिशत ही मंहगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है। जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों से 11 प्रतिशत कम है।
प्रदेश सरकार द्वारा धनतेरस, दीपावली, प्रदेश का स्थापना दिवस, देव उठनी ग्यारस, नव वर्ष जैसे महत्वपूर्ण पर्व एवं त्यौहार निकल जाने के बाद भी कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता बढ़ाए जाने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे प्रदेश के 10 लाख कर्मचारियों में भारी निराशा एवं आक्रोश व्याप्त है।
संघ ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद स्थितियां बहुत तेजी से सामान्य हो रही हैं। राज्य सरकार के पास पर्याप्त मुद्रा कोष भी है, जिससे राज्य के कर्मचारी नववर्ष में मंहगाई भत्ता मिलने की आश लगाये हुए थे। वहीं विगत 18 महीनों में मंहगाई अपनी चरम सीमा पर है। पेट्रोल, डीजल, खाद्य तेल, दालें, अन्य खाद्य सामग्री, बच्चों की फीस, दवाईयां, मोबाइल रिचार्ज बिल आदि में बेतहाशा बढोतरी हुई जिससे घर खर्च चलना मुशकिल हो गया है ।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे, मिर्जा मन्सूर बेग, मुकेश सिंह, आशुतोष तिवारी, प्रकाश सेन, मनीष शुक्ला, मनीष लोहिया, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मनोज सेन, विनय नामदेव, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, सुदेश पाण्डे, श्यामनारायण तिवारी, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, संतोष तिवारी, नितिन शर्मा आदि ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य के कर्मचारियों को भी केंद्रीय कर्मचारियों के समान 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता तथा एरियर्स राशि का भुगतान किया जाए।