MP NEWS: मुख्यमंत्री कार्यालय में मांगों के लिये दस्तक, समस्याओं पर कर्मचारी आर-पार के मूड में

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि केंद्रीय कर्मचारियों से प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता कम दिया जा रहा है, पदोन्नतियाँ नहीं की जा रही है, विलंब से दिये गए महंगाई भत्ते का एरियर्स नहीं दिया गया है, आवास भत्ता, शहरी भत्ता, चिकित्सा भत्ता का लाभ बंद है, अनुकंपा नियुक्तियों में अनावश्यक शर्तें लगाई गई है।

कर्मचारियों की अनेक समस्याओं पर चर्चा करने आज 24 जनवरी को मोर्चा के  संयोजक एसबी सिंह, अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह, महेंद्र शर्मा द्वारा समस्यायों के सम्बन्ध में चर्चा करने संयुक्त मोर्चा के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को आमंत्रित करने मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्र दिया गया है। मोर्चा पदाधिकारियों ने प्रदेश के लाखों अधिकारियों और कर्मचारियों के आक्रोश से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया है। 

प्रतिनिधि मंडल चर्चा कर समस्याओं के निराकरण का रास्ता निकलना चाहता है। प्रतिनिधि मंडल ने पत्र में यह भी लेख किया है कि पूर्व में भी अनेक बार चर्चा के लिए पत्र दिया गया, लेकिन समस्याओं पर चर्चा कर समाधान निकालने पहल नहीं कि गई। समय पर समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो कर्मचारियों में भारी आक्रोश पनप रहा है।

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय, (मध्यप्रदेश शिक्षक कॉंग्रेस) विश्वदीप पटैरिया, (अजाक्स) योगेश चौधरी (आईटीआई तकनीकी कर्म. संघ) प्रशांत सोधिया (मप्र राज्य कर्मचारी संघ) नरेश शुक्ला (मध्यप्रदेश कर्मचारी कॉंग्रेस) संतोष मिश्रा (मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ) आलोक अग्निहोत्री (मप्र स्वास्थ कर्मचारी संघ) संजय गुजराल (मध्यप्रदेश लिपिक कर्मचारी संघ) मुकेश चतुवेर्दी (मध्यप्रदेश लघुवेतन कर्म. संघ) रविकांत दहायत, अजय दुबे (मप्र डिप्लोमा ई एसोसिएशन) देव दोनेरिया (सपाकस) प्रदीप पटैल (मप्र ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संघ) एसके बांदिल (मध्यप्रदेश समयपाल महासंघ) मुकेश मरकाम, ( मध्यप्रदेश वाहन चालक तकनीकी संघ) धीरेंद्र सिंह, योगेन्द्र मिश्रा, नरेन्द्र सेन,अर्जुन सोमवंसी, रवि बांगड़, पीएल गौतम, संतोष दुबे ने प्रदेश के 10 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए संयुक्त मोर्चा के 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर निदान निकालने की मांग की है। आज प्रदेश का अधिकारी और कर्मचारी भारी आर्थिक हानि झेल रहा है।