अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी मध्य प्रदेश शासन के आदेशों का खुला उलंघन कर रहे है। सरकारी आदेश के पश्चात भी कर्मचारी संयुक्त परामर्श दात्रीसमिति की बैठक आयोजित नहीं की जा रही है। अनुकम्पा नियुक्ति के अनेक प्रकरण कार्यालय में लंबित पड़े हैं, समय पर नियुक्ति नहीं की जा रही है। अनेक महिला कर्मचारियों को चाईल्ड लीव नहीं दी जा रही है। लेखापर्ची पे-सिलिप, पास बुकों, सेवा पुस्तिकाओं की द्वित्तीय प्रति, परिचय पत्र, चिकित्सा देयकों का भुगतान, मासिक वेतन का भुगतान समय पर नहीं किया जा रहा है। कमोन्नति, समयमान, चिकित्सा अवकाश नहीं दिये जा रहे हैं।
इसके अलावा जर्जर शासकीय शालाओं में मरम्मत नहीं कराई जा रही है, जिससे किसी भी समय गंभीर दुर्घटना हो सकती है। वहीं कार्यालय के कर्मचारियों के लिए बैठने को कुर्सियों नहीं है, पीने का साफ पानी और शौचालय उपलब्ध नहीं है। मोर्चा ने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी सरकारी आदेशों को रौंद रहे हैं, सरकारी की कर्मचारी, जन हितैषी योजनाओं को पलीता लगा रहे है।
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटैरिया, देवदोनेरिया, प्रशांत सोंधिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, संजय गुजराल, रविकांत दहायत, अजय दुबे, प्रदीप पटैल, शिखा शांडिल्य, अजुर्न सोमवंशी, पीएल गौतम, रविबांगड ने अफसरशाही में मदहोश होकर सरकार को बदनाम कर रहे जिला शिक्षा अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करने तथा लंबित समस्याओं का तत्काल निराकरण करने की मांग की है।