मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते लगभग दो वर्ष पूर्व पीटीए (पालक शिक्षक संध) के सभी प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों के बैंक खाते अन्य बैंकों से बंद कर भारतीय स्टेट बैंक में खोलने के निर्देश जारी किये गये हैं।
विगत ढेड वर्षों से बैंक द्वारा कुछ खाते तो खोले गये परन्तु बाद में खाता खोलने पर रोक लगा दी गई है व शिक्षकों को बताया जाता है कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा नया साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है इसके बाद ही आपकी शालों के पीटीए खाते खोले जावेंगे। जिस कारण प्रदेश के लाखों व जिले के हजारों प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं के प्राधानाध्यापक उधार में स्कूल संचालक करने मजबूर हैं।
शाला प्रभारियों पर जहाँ आपदा है वहीं विभाग द्वारा बीआरसीसी को अवसर प्रदान किये गये हैं कि प्रत्येक विकास खण्ड में एक-एक करोड़ रूपये की राशि मार्च माह में शासन द्वारा प्रदान करते हुए शाला प्रभारियों द्वारा शेक्षिणक सत्र में किये गये वार्षिक व्यय के बिलों का भुगतान भण्डर कय नियमों के अनुसार किया जावे। विगत वर्ष शाला प्रभारी बिल भुगतान हेतु कार्यालय व दुकानों के चक्कर काटते रहे परन्तु लगभग 20 प्रतिशत शालाओं का भुगतान नहीं हो पाया वे आज भी लंबित हैं।
जहाँ एक ओर अधिकारियों द्वारा शालाओं की पुताई, मरम्मत, लाईट, पंखे व शौचालय सफाई के लिए कार्यवाही का भय दिखाकर कार्य कराया जा रहा है। उनके द्वारा भारतीय स्टेट बैंक में खाते खुलवाने की मूल समस्या के निराकरण संबंधी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिस कारण प्रभारी उधार में कार्य कराने हेतु मजबूर हैं।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, मंसूर बेग, आशुतोष तिवारी, दुर्गेश पाण्डेय, मुन्ना लाल पटेल, नरेन्द्र शुक्ला, गोविंद बिल्थरे, एसके बांदिल, रजनीश तिवारी, डीडी गुप्ता, योगेन्द्र मिश्रा, पवन श्रीवास्तव, विपिन शर्मा, सुधीर पण्डया, हेमचन्द विश्वकर्मा, राजेश ढीमर, एसपी बाथरे, वीरेन्द्र चंदेल, ब्रजेश मिश्रा, नितिन शर्मा, राकेश राव, सतेन्द्र ठाकुर, श्याम नारायण तिवारी, महेश कोरी, संतोष तिवारी, विनय नामदेव, आदित्य दीक्षित आदि ने कलेक्टर से मांग की है कि भारतीय स्टेट बैंक द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक शालाओं के पीटीए खाते शीघ्र खोलने हेतु निर्देशित करे।