मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की राज्य शासन ने 2005 के बाद नौकरी में आये 3.5 लाख कर्मचारियों के लिए एनपीएस की नई व्यवस्था लागू कर 16 महीने के वेतन के बराबर ग्रेच्युटी के दिये जाने का झुनझुना पकडाया गया है। जबकि राज्य के कर्मचारी व अध्यापक एनपीएस योजना समाप्त कर 31 दिसंबर 2004 की स्थिति में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग करते आ रहे हैं।
नवीन पेशन योजना के तहत कर्मचारियों के वेतन से प्रतिमाह कटौती कर उस पैसों शासन द्वारा बाजार में उपयोग किया जाता है। उसी पैसे को ब्याज सहित पेंशन के रूप में प्रतिमाह 1000-2000 के बीच ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिल पाता है। वहीं एक बार के निर्वाचित सांसदों एवं विधायकों एक दिन भी सांसद या विधायक रहने पर पूरे जीवन पेंशन एवं परिवार पेंशन मिलती रहती है। वहीं कर्मचारी 30 से 40 वर्षों की सेवा के उपरांत भी पेंशन से वंचित रहता है। जिससे उनके एवं उनके परिवार में असुरक्षा की भावना बनी रहती है।
संघ के अर्वेन्द्र राजपूत, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, मनीष चौबे, अजय सिंह ठाकुर, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, मनीष लोहिया, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, धीरेन्द्र सोनी, श्याम नारायण तिवारी, प्रणव साहू, राकेश पाण्डे, सतीश पटैल, मोहम्मद तारिक, आदित्य दीक्षित, मनीष शुक्ला, मनोज सेन, मुकेश रजक, सुदेश पाण्डे, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, मनोज पाटकर, संतोष तिवारी, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिश्ती आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से ईमेल के माध्यम से पत्र प्रेषित कर मांग की है कि एनपीएस योजना समाप्त कर दिनांक 31 दिसंबर 2004 की स्थिति में पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।