मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के शिक्षक अध्यापक प्रकोष्ठ के प्रांताध्यक्ष मुकेश सिंह ने जारी विज्ञप्ति में बताया की राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा वर्ष 2011 से जन शिक्षकों के शाला भ्रमण भत्ता 50 रुपए प्रति स्कूल, अधिकतम 1000 प्रतिमाह निर्धारित है। विगत 11 वर्षों में मंहगाई कहां से कहां पहुंच गई है, उसके बाद भी राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा इन भत्तों में किसी प्रकार की कोई वृद्धि नहीं की गई है, जिससे जन शिक्षक अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं।
हद तो तब हो गई की अधिकतम 50 रुपए मिलने वाला निरीक्षण/परिवहन भत्ता इस सत्र का आज तक अप्राप्त है। राज्य शिक्षा केन्द्र तो जानकारी व अपने संपूर्ण कार्य जन शिक्षकों से तत्काल व समय सीमा में कराता है, परन्तु मानदेय में अकारण ही विलंब किया जाता है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है, उसके बाद भी मानदेय न मिलना समझ के परे है।
संघ के मुकेश सिंह, मनीष चौबे, नितिन अग्रवाल, गगन चौबे, श्यामनारायण तिवारी, मनोज सेन, मनीष लोहिया, नितिन शर्मा, महेश कोरी, मनीष शुक्ला, धीरेन्द्र सोनी, मो. तारिख, संतोष तिवारी, प्रियांशु शुक्ला, विनय नामदेव, मनोज पाटकर, सतीश पटैल, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, बृजेश गोस्वामी, सुदेश पाण्डे, अब्दुल्ला चिश्ती आदि ने आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र से मांग की है कि सभी जन शिक्षकों के लंबित मानदेय का 3000 रुपए प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जाये।