मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर्स ने कहा है कि पूर्ववर्ती मध्य प्रदेश राज्य विद्युत मण्डल के कर्मियों को उनकी विद्युत खपत के देयकों में विद्युत दरों में 50 प्रतिशत की रियायत प्रदान की जाती रही है, विद्युत दरों में विद्युत कर्मियों को 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने का प्रावधान राज्य विद्युत मण्डल के गठन के समय से ही प्रभावशील है जो कि विद्युत कर्मियों की सेवा शर्तों का अंग है।
यूनाइटेड फोरम के प्रदेश संयोजक व्हीकेएस परिहार ने कहा है कि वर्तमान में विद्युत कंपनियां अपने कर्मियों पर सोलर पेनल स्थापित करने हेतु अनुचित दबाव बना रही हैं और साथ ही विद्युत कर्मियों को बिजली बिलों पर मिलने वाली 50 प्रतिशत छूट को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
यूनाइटेड फोरम के प्रदेश संयोजक व्हीकेएस परिहार ने मप्र के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को पत्र लिखकर कहा है कि इस प्रकार की छूट या रियायत सभी उपक्रमों, संस्थाओं एवं कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को किसी न किसी रूप में प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि रेल विभाग द्वारा अपने कर्मियों को उनकी निजी यात्राओं के लिए अलग से रियायती दरों पर पास उपलब्ध कराये जाते हैं। एनटीपीसी द्वारा भी अपने कर्मचारियों को अत्यंत रियायती दर पर विद्युत उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही देश के समस्त विद्युत कंपनियों द्वारा अपने कर्मियों को विद्युत दरों में छूट या रियायत प्रदान किये जाने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि मप्र की विद्युत कंपनियों के प्रबंधन द्वारा लगातार विद्युत कर्मचारियों को प्राप्त इस सुविधा को बंद करने के प्रयास किये जाते रहे हैं। एक भेदभावपूर्ण नीति अपनाकर उत्तरवर्ती कंपनियों द्वारा नियुक्त विद्युत कर्मियों को विद्युत दरों में 50 प्रतिशत की छूट की सुविधा से अन्यायपूर्ण ढंग से वंचित रखा गया है, जिसका सभी संगठनों द्वारा हमेशा विरोध किया जाता रहा है।
तथापि इस अनौचित्यपूर्ण अन्यायकारी भेदभावपूर्ण नीति को बदलने के स्थान पर अब विद्युत कंपनियों द्वारा अपने कर्मियों को उनके निवास स्थान पर सोलर पैनल स्थापित करने हेतु सब्सिडी प्रदान करने के नाम पर विद्युत देयकों में मिलने वाली 50 प्रतिशत छूट को बंद करने का षड्यंत्र किया जा रहा है, जो कि अत्यंत निंदनीय है।
उल्लेखनीय है कि तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा इस संबंध में जारी निर्देशों में एकरूपता भी नहीं है, जो तीनों वितरण कंपनियों की मनमानी कार्यप्रणाली को दर्शाता है। यह भी उल्लेखनीय है कि घरों में सोलर पैनल लगाने से नेट मीटरिंग से मिलने वाला लाभ सभी आम घरेलू उपभोक्ताओं को भी उपलब्ध है।
ऐसी स्थिति में घरों पर सोलर पैनल स्थापित करने हेतु कुछ रियायत उपलब्ध कराने के नाम पर विद्युत कर्मियों को उनकी सेवा शर्तों के रूप में वर्षों से विद्युत देयकों में मिलने वाली 50 प्रतिशत की छूट को अचानक से समाप्त किये जाने का औचित्य समझ से परे है। कंपनी प्रबंधन इस प्रकार सोलर पैनल स्थापित करने हेतु विद्युत कर्मियों पर अनुचित दबाव नहीं बना सकता तथा विद्युत कंपनियों की उक्त एकतरफा कार्यवाही यूनाइटेड फोरम को स्वीकार नहीं है।
यूनाइटेड फोरम ने ऊर्जा मंत्री से मांग की है कि विद्युत कर्मियों के लिये सोलर पैनल स्थापित करने हेतु निकाले गये परिपत्रों में संशोधन कर उन्हें स्वैच्छिक बनाया जाये। साथ ही विद्युत कर्मियों को विद्युत देयकों पर मिलने वाली 50 प्रतिशत की छूट जारी रखी जाये।