मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल ने 23 लाख से ज्यादा आदिवासी परिवारों को बड़ी सौगात देते हुये मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार योजना लागू किये जाने को मंजूरी दे दी है। इस योजना में 16 जिलों के 74 विकासखंण्ड में 7511 ग्राम के जनजातीय परिवार लाभान्वित होंगे। मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि फिलहाल इसे आचार संहिता वाले क्षेत्रों में लागू नहीं किया जाएगा। वहीं इस योजना का लाभ प्रदेश के 23.80 लाख आदिवासी परिवारों को मिलेगा।
योजना के अन्तर्गत मुख्यालय गाँव को छोड़कर दुकान से संलग्न अन्य ग्रामों में वाहन के माध्यम से परिवहन कर राशन सामग्री का वितरण किया जायेगा। कलेक्टर द्वारा ग्राम में वितरण के लिये प्रत्येक माह के दिवस निर्धारित किए जाएंगे। एक वाहन द्वारा एक माह मे औसतन 22 से 25 दिवस (अवकाश छोड़कर) 220 से 440 क्विंटल खाद्य सामग्री का वितरण किया जायेगा।
खाद्यन्न परिवहन में अनुमानित 472 वाहन उपयोग किए जाएंगे। एक मीट्रिक टन वाले वाहन पर 24 हजार रूपये प्रतिमाह और 2 मीट्रिक टन वाले वाहन पर 31 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से सालाना व्यय 14 करोड़ 7 लाख रूपये अनुमानित है।
वाहन में खाद्यान्न लोड करते समय उसकी गुणवत्ता का परीक्षण किया जायेगा। वाहन में सामग्री तौलने के लिए इलेक्ट्रानिक तौल काँटा, माईक, स्पीकर, पी.ओ.एस. मशीन रखने, बैठने एवं खाद्यान्न सुरक्षित रखने की सभी व्यवस्थाएँ होंगी। वाहनों की व्यवस्था के लिए परिवहनकर्ताओं के साथ जिला स्तर पर अनुबंध किया जायेगा। परिवहनकर्ता उसी क्षेत्र के ग्रामों के निवासी होंगे। उनकी उम्र 21 से 45 वर्ष के बीच होगी तथा वे अनुसूचित जनजाति वर्ग से होंगे।
परिवहनकर्ताओं को प्रतिमाह निर्धारित व्यय का भुगतान किया जायेगा। परिवहनकर्ता को वाहन क्रय के लिए ऋण राशि पर मार्जिन मनी प्रदान की जायेगी। एक मीट्रिक टन क्षमता वाले वाहन के लिए 2 लाख रुपए और 2 मीट्रिक टन या अधिक क्षमता वाले वाहन के लिए 3 लाख रुपए की मार्जिन मनी का भुगतान किया जायेगा। मार्जिन मनी की एकमुश्त राशि 9 करोड़ 69 लाख रुपए का भुगतान जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया जायेगा।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर उचित मूल्य दुकान संचालित करने का प्रावधान होने से दुकान के मुख्यालय ग्राम को छोड़कर शेष आश्रित ग्रामों के पात्र परिवारों को परिवहन के सुगम साधन न होने के कारण प्रतिमाह लगभग 5 किमी दूरी तय कर 23 से 37 किग्रा वजन की सामग्री सिर पर रखकर ले जानी पड़ती है।
दिव्यांग, वृद्ध और शारीरिक रूप से असक्षम व्यक्ति को दुकान से राशन सामग्री प्राप्त करने में कठिनाई उत्पन्न होती है एवं गरीब परिवारों को मजदूरी का नुकसान भी होता है। इन तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रि-परिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया है। योजना से हितग्राही की मजदूरी एवं श्रम की बचत, पात्र परिवारों को निवास के ग्राम में राशन सामग्री का प्रदाय और समय पर राशन सामग्री का वितरण हो सकेगा।