एमपी ट्रांसको ने गाडरवारा स्थित अपनी 132 केवी लाइन के नीचे मानव जीवन के लिये खतरा बन चुके अवैध निर्माण को हटवाकर एक नयी पहल की है। सामान्यतः अवैध निर्माण हटाने एमपी ट्रांसको को स्थानीय प्रशासन की मदद लेना पड़ती है, लेकिन इसके लिये संबंधितों को लगातार नोटिस देने और अनुरोध करने के बाद भी अति उच्चदाब लाइनों के नीचे और नजदीक बने निर्माण समय पर हट नहीं पाते हैं, जिसके कारण दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
विगत 29 एवं 30 अप्रैल को 132 केवी गाड़रवारा- पोंडर अति उच्चदाब लाइन पर ट्रिपिंग के उपरांत फाल्ट संबंधी जानकारी के पड़ताल करते समय यह पाया गया कि दो व्यक्तियों की इमारत के ऊपरी हिस्से (स्टील शीट एवं छड़ का प्रसार क्षेत्र) जो कि आंधी तूफान के समय कंडक्टर स्विंग के रेंज में आने से ट्रिपिंग घटित हुई थी। तत्पश्चात दोनो व्यक्तियों को 4 मई को एक बार पुनः नोटिस देने का कार्य किया एवं इसकी लिखित सूचना स्थानीय प्रशासन एवं नगर पालिका गाड़रवारा को भी दी गई कि मकान के ऊपरी हिस्से के मार्गधिकारी (ROW) के अतिक्रमण क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण से उत्पन्न सतत् जोखिम (जानमाल की क्षति) की संभावना बनी रहेगी। व्यक्तियों द्वारा स्वत: कोई कार्यवाही न करने के कारण एमपी ट्रांसको को यह कदम उठाना पड़ा
पूरे मध्यप्रदेश में होगी इस तरह की कार्यवाही
एमपी ट्रांसको के मुख्य अभियंता एसके गायकवाड़ ने बताया कि गाड़रवारा की तरह यह कार्यवाही पूरे मध्य प्रदेश में की जायेगी। एमपी ट्रांसको की अति उच्चदाब लाइनों के नीचे अनाधिकृत रूप से बनाये गये खतरनाक आवासीय मकानों में रह रहे लोगों तथा प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
ट्रांसको ने प्रशासन का आभार व्यक्त किया
एमपी ट्रांसको लगातार इस तरह दुर्घटना की आंशका से प्रशासन और रहवासियों को सचेत करने के लिये नोटिस देता आया है। गाड़रवारा में 132 केवी गाड़रवारा-पोंडर लाइन के बिल्कुल नीचे अतिक्रमण कर बनाये गये असुरक्षित रहवास को प्रशासन की मदद से हटवा कर एमपी ट्रांसको ने न केवल वहां रह रहे नागरिकों को सुरक्षित किया बल्कि स्वंय पहल कर प्रशासन की मदद से अतिक्रमण हटाने की नई परंपरा भी प्रारंभ की है। एसके गायकवाड़ ने एमपी ट्रांसको की ओर से प्रशासन कर आभार व्यक्त किया है।