मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एवं इंजीनियर ने प्रदेश की बिजली कंपनियों के नियमित, संविदा तथा आउटसोर्स कार्मिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए ऊर्जा मंत्री को अनेक पत्र लिखे और रूबरू चर्चा भी की गई थी। जिसमे मुख्य रूप से 23 अगस्त 2021 को हुई वार्ता के संबंध में बैठक विवरण प्रस्तुत करते हुये यह भी निवेदन किया गया था कि ऊर्जा मंत्री के आश्वासन अनुसार सभी बिन्दुओं पर समय सीमा में कार्यवाही की जाए, जिससे कि फोरम को आगामी आन्दोलन हेतु मजबूर न होना पड़े।
यूनाइटेड फोरम के प्रांतीय संयोजक व्हीकेएस परिहार ने कहा है कि लेकिन खेद के साथ ऊर्जा मंत्री से अनुरोध करना पड़ रहा है कि पूरे आठ माह व्यतीत होने के उपरांत भी 18 बिन्दुओं में से एक भी बिन्दु का निराकरण ऊर्जा विभाग द्वारा नहीं किया गया है जो कि ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के सर्वथा विपरीत है। 23 अगस्त 2021 को यूनाइटेड फोरम के प्रतिनिधि मण्डल के साथ राजा मंत्री द्वारा विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई, जिसका विवरण पूर्व के पत्रों में सुझावों सहित प्रेषित किया जा चुका है।
यूनाइटेड फोरम ने ऊर्जा मंत्री को एक और पत्र लिखकर कहा है कि फोरम के सुझावों पर किसी भी मुद्दों पर किसी भी प्रकार का निराकरण नहीं होने के कारण मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों के अधिकारी एवं कर्मचारी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है एवं शासन के एक जिम्मेदार मंत्री के आश्वासन पर भी प्रश्न चिन्ह लगता है, जो कि शासन व प्रशासन की विश्वसनीयता भी कम करता है।
पत्र में यूनाइटेड फोरम ने कहा है कि विद्युत कार्मिकों की मांगों पर ऊर्जा विभाग के साथ बैठक कराकर उनका निराकरण समय सीमा में कराये जाने हेतु निर्देशित करें। जिसपर कार्यवाही आज तक अपेक्षित है। संविदा नीति- 2018 के पुर्नरीक्षण हेतु भी ऊर्जा मंत्री से निवेदन किया जा रहा था, लेकिन उसपर कोई सुनवाई न होने के कारण फोरम के बैनर तले 26 अप्रैल 2022 को मध्यप्रदेश के सभी जिलों से आये हुये लगभग 300 संविदा कर्मियों द्वारा चिनार पार्क भोपाल में थाली, घण्टी बजाकर शासन का ध्यानाकर्षण किया गया था एवं इस संबंध में ज्ञापन भी प्रस्तुत किया गया था। लेकिन खेद के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि आपके पुनः आश्वासन के बावजूद आज तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही ज्ञापन पर नहीं की गई है जो कि अत्यंत दुभाग्यपूर्ण है।
पत्र में ऊर्जा मंत्री से निवेदन करते हुए कहा गया है कि कार्मिकों की मांगों के शीघ्र अतिशीघ्र चर्चा हेतु समय प्रदान करने का कष्ट करें, जिससे फोरम को उक्त बिन्दुओं के निराकरण हेतु आन्दोलनात्मक गतिविधियां शुरू करने हेतु बाध्य न होना पड़े। फोरम ने कहा है कि 5 जून 2022 को भोपाल में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक की जायेगी एवं मांगों का निराकरण नहीं होने की स्थिति में तुरंत आन्दोलनात्मक गतिविधियां शुरू करने का निर्णय लेने हेतु फोरम बाध्य होगा।