मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संगठन एमपी यूनाइटेड फोरम ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपकर संविदा नीति 2018 में संशोधन, कंपनी टू कंपनी ट्रांसफर नीति सहित अन्य मांगों के निराकरण के लिए ज्ञापन सौंपा। ऊर्जा मंत्री ने 15 दिन में बैठक कर समस्याओं का निराकरण के लिए समय मांगा है। वहीं यूनाइटेड फोरम ने कहा है कि अगर 15 दिन में समस्याओं का निराकरण नहीं होता है तो मार्च महीने में बिजली संविदा कार्मिक आंदोलनत्मक गतिविधियों चलाएंगे।
यूनाइटेड फोरम का कहना है कि कर्मचारी संविदा नीति में संशोधन हेतु काफी लंबे समय से मांग कर रहे हैं। वहीं आंदोलन के पहले चरण में आज 52 जिले से मंत्री को ज्ञापन स्पीड पोस्ट करेंगे। दूसरे चरण में जनप्रतिनिधि, विधायक एवं सांसद को ज्ञापन देंगे एवं लेटर लिखेंगे।
यूनाइटेड फोरम की प्रमुख मांगें
1. संविदा अनुबंध को निरंतर 60 वर्ष तक किया जाए 3 दिन का अंतर खत्म किया जाए।
2. संविदा कर्मचारी का निष्कासन नियमित कर्मचारी के समान किया जाए।
3. संविदा कर्मचारी का महंगाई भत्ता 3% किया जाए वर्तमान में संविदा को 1% महंगाई भत्ता दिया जाता है नियमित कर्मचारी के समान साल में दो बार महंगाई भत्ता दिया जाए।
4. चिकित्सा पूर्ति, दुर्घटना बीमा, अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
5. संविदा कर्मी को जोखिम भत्ता, नेशनल हॉलिडे, रात्रि कालीन हॉलीडे अलाउंस दिए जाएं.
6. संविदा कर्मचारी का एक्सीडेंटल मृत्यु उपरांत 4 लाख बीमा राशि से बढ़ाकर ₹50 लाख किया जाए।
7. परीक्षण सहायक 2013 बेच को परीक्षण कराने के बाद नियमित किया जाए।
8. संविदा पॉलिसी 2018 लागू होने के बाद पूर्व क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र कंपनी में nps कटना बंद हो गया है, पूर्व की भांति एनपीएस चालू किया जाए।
9. संविदा कर्मचारी को वर्तमान वेतन का वास्तविक 90% दिया जाए।
10. लाइन अटेंडेंट Laकर्मचारियों को आईटीआई उत्तरी होने के बाद भी चतुर्थ श्रेणी में रखा गया है उन्हें तृतीय श्रेणी में किया जाए।
11. गृह जिला ट्रांसफर नीति बनाई जाए।