मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की राज्य शासन द्वारा 1 जुलाई से 31 जुलाई के मध्य राज्य के कर्मचारियों के स्वैच्छिक एवं प्रशासनिक स्थानांतरण करने के आदेश जारी कर दिये गये हैं। विडबना यह कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अपने विभाग की स्थानांतरण नीति जारी नहीं की गई है, जिससे कर्मचारियों में असमंजस है।
स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी विगत पांच वर्षों से रिक्त पदों पर बाहर से आने वाले शिक्षकों के कारण नगर में अतिशेष होते चले जा रहे हैं, एक बहुत बडा अमला जो सेवानिवृत्ति के करीब है एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं, उनके मन में सीधे स्थानांतरण से आने वाले कर्मचारियों के कारण अतिशेष होने का भय बना हुआ है।
अतः संघ का ऐसा मानना है कि स्थानांतरण करने के पूर्व सबसे पहले अतिशेष का निर्धारण कर अतिशेष कर्मचारियों को स्वैच्छिक आधार पर स्थानांतरण हेतु वरीयता प्रदान की जाना चाहिए। जब तक स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विभाग की पृथक से स्थानांतरण नीति जारी नहीं की जाती है, तब तक यह भम्र की स्थिति बनी रहेगी। जिससे प्रदेश के लगभग 4 लाख शिक्षकों में रोष व्याप्त है।
संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, नरेन्द्र दुबे, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, आशुतोष तिवारी, मुन्ना लाल पटैल, सुरेन्द्र जैन, डॉ संदीप नेमा, संतकुमार छीपा, श्यामनारायण तिवारी, नितिन अग्रवाल, राकेश दुबे, प्रियांशु शुक्ला, संतोष तिवारी, महेश कोरी, गणेश उपाध्याय, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार आदि ने स्कूल शिक्षा मंत्री को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर मांग की है कि सर्वप्रथम स्कूल शिक्षा विभाग की स्थानांतरण सूची जारी की जाए। तत्पश्चात अतिशेष कर्मचारियों को सबसे पहले स्वैच्छिक स्थानांतरण की प्रथमिकता प्रदान की जाए।