मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री को पत्र लिखकर कर्मचारियों एवं अधिकारियों को 35 वर्ष के स्थान पर 33 वर्ष की सेवा के उपरांत चतुर्थ समयमान वेतनमान देने के लिए संशोधित आदेश जारी करने की मांग की है।
हरेंद्र श्रीवास्तव ने अपने पत्र में लिखा कि आपके द्वारा 35 वर्ष की सेवा के पश्चात् जो चौथे समयमान वेतनमान देने की घोषणा की गई है, वह निश्चित ही बहुत स्वागत योग्य है परन्तु मप्र सिविल सेवा अधिनियम के अनुसार शासकीय सेवकों के लिए अर्हता 33 वर्ष निर्धारित की गई है, क्योंकि ऊर्जा विभाग में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की दैनिक वेतन भोगी के पद पर कार्य करने के दौरान की समयावधि, सर्विस रिकॉर्ड में नहीं जोड़ी जाती, जिसके कारण वे 33 वर्ष की सेवा के बाद ही सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं।
उन्होंने कहा कि अगर यह 33 वर्ष कर दी जाये तो ऊर्जा विभाग के तृतीय और चर्तुथ श्रेणी के कर्मचारियों के वेतनमान में कुछ लाभ हो जायेगा। हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से 33 वर्ष की नौकरी के पश्चात् चतुर्थ समयमान वेतनमान दिये जाने का संशोधित आदेश जारी किए जाने का आग्रह किया।