मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियां कर्मचारी प्रबंधन में फेल साबित हो रही हैं। आनन-फानन में लिए जाने वाले निर्णय उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति करने की बजाए, उनका सिरदर्द ही बढ़ा रहे हैं। वहीं अनुभवी एवं कुशल कर्मचारियों को हटाकर, अकुशल कर्मचारियों को विद्युत तंत्र को संभालने की जिम्मेदारी सौंपने से विद्युत उपकरणों में आए दिन फाल्ट आ रहे हैं और उपभोक्ताओं के घरों तक विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है।
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश की मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत भिंड जिले में कंपनी प्रबंधन ने सब-स्टेशनों के संचालन में अनुभवी हो चुके परीक्षण सहायकों को हटाकर अकुशल कर्मचारियों को तैनात कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि जिले में मैदानी अधिकारियों ने कंपनी द्वारा चयनित परीक्षण सहायक, जो 8-9 वर्ष से सब-स्टेशनों का कुशलता से संचालन कर रहे थे, उनको हटाकर अकुशल कर्मचारियों को सब-स्टेशनों का संचालन सौंप दिया है।
वहीं कंपनी के आला अधिकारियों द्वारा इन अनुभवी परीक्षण सहायकों से मीटर रीडिंग का कार्य कराया जा रहा है। वहीं सब-स्टेशन के संचालन से अनभिज्ञ मीटर रीडरों को सब-स्टेशन पर तैनात कर, करोड़ों के विद्युत उपकरणों की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इसका दुष्परिणाम ये हो रहा है कि बिजली व्यवस्था ही पूरी तरह चरमरा गई है और उपभोक्ताओं को कई दिनों तक बिजली के बिना ही गुजारा करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि भिंड के ग्रामीण वितरण केन्द्र दीनपुरा सब-स्टेशन का 33*11 केवी का पावर ट्रांसफार्मर 31 जुलाई की शाम 6 बजे फेल हो गया था। ट्रांसफार्मर फेल होने के कारण पूरे क्षेत्र की बिजली तीन दिन से बंद है। बताया जा रहा है कि उक्त सब-स्टेशन को ऑपरेट करने के लिए वर्तमान में कोई भी सब-स्टेशन ऑपरेटर तैनात नहीं है, क्योंकि इस सब-स्टेशन पर पदस्थ अनुभवी और कुशल परीक्षण सहायकों को विगत माह से भिंड शहर में मीटर रीडिंग का कार्य सौंप दिया गया है।
विद्युत जानकारों का कहना है कि परीक्षण सहायक के पद पर चयनित कर्मचारियों से मीटर रीडिंग का कार्य कराया जाना, बिजली कंपनी के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। वहीं मीटर रीडिग़ के लिए नियुक्त किए गए मीटर रीडरों से सब-स्टेशन ऑपरेट कराया जा रहा है, जो कि पूर्णत: अनुचित है, क्योंकि मीटर रीडिंग का कार्य करना और करोड़ों के सब-स्टेशन को ऑपरेट करना, दोनों बिल्कुल भिन्न बातें हैं, लेकिन मैदानी अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी कंपनी प्रबंधन के सामने असहाय नजर आ रहे हैं।