मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों के लाइनमैन आज भी पुराने समय के सुरक्षा उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं, जिसके कारण उनके साथ आये दिन हादसे हो रहे हैं। वर्तमान में विद्युत वितरण सेक्टर का आधुनिकीकरण होने से विद्युत तंत्र में काफी बदलाव आया है, ऐसे में लाइनमैनों को भी आधुनिक सुरक्षा उपकरण प्रदान किये जाने चाहिए।
मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि जेसू पूर्व शहर संभाग कार्यपालन अभियंता के अंतर्गत शिकायत केंद्र में पदस्थ संविदा कर्मी महेंद्र पटेल लाइन परिचारक को जूनियर इंजीनियर के द्वारा घमापुर के पास शॉर्ट लाइन के सुधार का कार्य दिया गया था। कर्मी द्वारा लाइन चार्ट छुड़ाने के बाद पोल में लगे डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स में सर्किट फ्यूज लगा रहा था, इसी समय शॉर्ट सर्किट होने से कर्मी के दाहिने हाथ में स्पार्क लगने से जल गया।
संघ ने आरोप लगाया है कि जमीनी अधिकारियों को पता ही नहीं है कि किस कर्मचारी से कौन सा कार्य कराना है। संविदा कर्मचारी से करंट का कार्य कराया जा रहा है, जबकि उसके अनुबंध में लिखा है कि करंट का कार्य संविदा कर्मी से नहीं कराना है। पूर्व क्षेत्र कंपनी से संघ ने मांग की है कि विद्युत मंडल एवं कंपनी में लगभग 40 साल पुराने जमाने से चला आ रहे हैंड ग्लब्स पहनकर करंट का कार्य नहीं करते बनता है, जिसकी वजह से हमेशा करंट लगने से लाइनमैनों का हाथ जलता है या स्पार्क लगने से हाथ जलता है। इसलिए सुरक्षा उपकरण में कंपनी के द्वारा आधुनिकता लाने की जरूरत है।
संघ के मोहनलाल दुबे, अरुण मालवीय, राजकुमार सैनी, जेके कोस्टा, अजय कश्यप, सुरेंद्र मेश्राम, इंद्रपाल आदि के द्वारा संविदा कर्मी के इलाज के लिए अधिकारियों से सहायता राशि की मांग की गई है।