मप्र पूर्व विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत जबलपुर नगर वृत्त के विजय नगर संभाग की कार्यपालन अभियंता अल्पा ठाकुर के साथ मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बैठक कर नियमित तकनीकी कर्मियों, संविदा कर्मियों तथा आउटसोर्स कर्मियों से संबंधित समस्याओं जैसे- सुरक्षा उपकरण का अभाव, कर्मचारियों की कमी सहित अनेक बिंदुओं पर चर्चा की गई।
संघ पदाधिकारियों ने कार्यपालन अभियंता को बताया कि बारिश के दौरान करंट का करने के दौरान जान का जोखिम बढ़ जाता है और दुर्घटना होने की संभावनाओं में भी वृद्धि हो जाती है। इसलिए सभी वर्ग के मैदानी तकनीकी कर्मियों को तत्काल हैंड ग्लव्स, टेस्टर, झूला, बांस की सीढ़ी आदि उपलब्ध कराए जाएं। वहीं तकनीकी कर्मियों को वर्दी, बरसाती आदि की खरीदी के लिए 3595 रुपये दिए जाते थे, जो फिलहाल 3 साल से नही दिए गए हैं। इस राशि को भी जल्द से जल्द प्रदान कराया जाए।
इसके साथ ही टावर गाड़ी की सीढ़ी खराब है, उसे ठीक कराई जाए। सब स्टेशनों में जो झाड़ियां लगी हैं, उसकी कटाई कराई जाए। सब स्टेशनों में अंधेरा छाया रहता है, जिससे दुर्घटना होने की संभावना रहती है, अतः हैलोजन लगाई जाये। शिकायत केंद्र एवं सभी सब स्टेशन में शिकायत पुस्तिका रखी जाए।
इसके अलावा विजय नगर संभाग में उपभोक्ता 57,000 हैं और ट्रांसफार्मर की संख्या 960 है, जबकि इसके अनुपात में कर्मचारियों की संख्या सिर्फ 51 है। उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण में देरी एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति न होने का सबसे कारण तकनीकी कर्मचारियों की कमी होना है, विजय नगर संभाग में लगभग 100 कर्मचारियों की कमी है।
संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व क्षेत्र कंपनी का विजय नगर संभाग तो छोटा सा उदाहरण है। पूरे प्रदेश में सभी वर्गों के मैदानी तकनीकी कर्मी संसाधनों के अभाव में कार्य करने के लिए मजबूर हैं। प्रदेश सरकार और ऊर्जा मंत्रालय को तत्काल इस पर संज्ञान लेते हुए सभी तकनीकी कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने के आदेश जारी करना चाहिए।
संघ के अजय कश्यप, मोहन दुबे, अरुण मालवीय, कमल सैनी, राजेश सोनी, सतीश वर्मा, नाथूराम, सुमन पांडे, शिव कुमार रजक, वीरेंद्र विश्वकर्मा, नत्थू लाल, राजू नायडू, सुरेंद्र मेश्राम, जगदीश कहरा, आजाद सिंह आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि गुणवत्तापूर्ण उपभोक्ता सेवा, सही प्रकार से मेंटेनेंस एवं राजस्व वसूली के लिए तत्काल संविदा कर्मियों को नियमित और आउटसोर्स कर्मियों का विद्युत कंपनी में संविलियन किया जाए।